ईडब्ल्यूएस, एलआईजी व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों पर नहीं लगेगा चक्रवृद्धि ब्याज
लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए अब अपनी किसी भी योजना के ईडब्ल्यूएस, एलआईजी भवनों व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों के डिफॉल्टर आवंटियों से चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लेगा। इस फैसले से समय से धनराशि जमा कर पाने में असमर्थ रहे आर्थिक रूप से कमजोर आवंटियों को बड़ी राहत मिलेगी। एलडीए की अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब की अध्यक्षता में बुधवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की 179वीं बैठक में जनहित के ऐसे कई प्रस्ताव पास किये गए। इस मौके पर वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर जिलाधिकारी अमित कुमार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
धनराशि चुकाना संभव नहीं
वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे कई प्रकरण हैं, जिनमें दुर्बल आय वर्ग व अल्प आय वर्ग के आवंटियों द्वारा दंड ब्याज सहित की गयी गणना के अनुसार धनराशि चुका पाना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे आवंटियों को राहत देने के उद्देश्य से ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, पीएम आवास योजना के भवनों व 20 वर्गमीटर तक की दुकानों पर चक्रवृद्धि ब्याज खत्म किये जाने का प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किया गया, जिसे बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसके तहत इन सम्पत्तियों के डिफाल्टर आवंटियों को दंड ब्याज से छूट प्रदान की जाएगी तथा आवंटन के समय किस्तों में निर्धारित ब्याज दर पर साधारण ब्याज ही लगाया जाएगा।
वीसी ने बताया कि प्राधिकरण की पहले आओ, पहले पाओ योजना के अंतर्गत विक्रय किये जा रहे फ्लैटों की कीमत को दोबारा एक वर्ष के लिए फ्रीज किये जाने के प्रस्ताव को भी बोर्ड द्वारा पारित किया गया। उन्होंने बताया कि इससे योजना के अंतर्गत उपलब्ध 2630 फ्लैटों की कीमत नहीं बढ़ेगी और लोग इसका लाभ उठाकर पुरानी दरों पर ही सम्पत्ति खरीद सकेंगे। रेलवे से वापस ली जाएगी 9000 वर्गमीटर भूमि
सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा गोमती नगर के विराजखंड में रेलवे को लूप लाइन बनाने के लिए 9000 वर्गमीटर भूमि दी गयी थी। वर्तमान में रेलवे द्वारा यहां लूप लाइन विकसित करने का प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया है। प्राधिकरण अब रेलवे द्वारा उक्त भूमि के सापेक्ष जमा करायी गयी रकम रिफंड करके जमीन का कब्जा वापस लेगा, जिसके लिए बोर्ड ने अनुमति दे दी है। सचिव ने बताया कि इस 9000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में नवीन प्रोजेक्ट विकसित किये जाएंगे, जिसका लाभ शहरवासियों को मिलेगा।
बैठक के खास निर्णय
-सीनियर सिटिजन के लिए बनेंगे स्टूडियो फ्लैट्स
-गोमती नगर के विराज खंड में रेलवे से वापस ली जा रही भूमि पर सीनियर सिटीजन के लिए सात मंजिला अपार्टमेंट का किया जाएगा निर्माण
-परिजनों से अलग रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को सोसाइटी में सुरक्षित माहौल के साथ मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
500 से 600 वर्गफुट के फ्लैट्स
वीसी ने बताया कि विराजखंड में रेलवे से वापस ली जा रही भूमि के एक हिस्से में वरिष्ठ नागरिकों के लिए सात मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण करवाया जाएगा, जिसमें 500 से 600 वर्गफुट के स्टूडियो फ्लैट्स विकसित किये जाएंगे। फ्लैट्स को इस हिसाब से डिजाइन किया जाएगा कि इनमें बालकनी, ड्रेसिंग रूम व बॉथरूम का एरिया ज्यादा मिलेगा। उन्होंने बताया कि परिजनों से अलग रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को इस सोसाइटी में सुरक्षित माहौल के साथ जिम, योगा सेंटर आदि अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। वहीं, सोसाइटी का अनुरक्षण करने वाली संस्था को अनिवार्य रूप से एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करानी होगी, जोकि स्थायी तौर पर परिसर में ही रहेगी और मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर प्रयोग में लायी जा सकेगी।
लीज पर आवंटित होंगे फ्लैट्स
वीसी ने बताया कि योजना के अंतर्गत बनाये जाने वाले फ्लैट्स 60 वर्ष व इससे अधिक उम्र के नागरिकों को निर्धारित अवधि के लिए लीज पर आवंटित किये जाएंगे। आवंटी जरूरत पूरी होने पर अपने फ्लैट को किसी अन्य वरिष्ठ नागरिक को ट्रांसफर कर सकेंगे।
वीसी ने बताया कि एचएएल द्वारा सीएसआर मद से दिये जाने वाले लगभग 38 करोड़ रुपये से पांच कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब बनाने के प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा पारित किया गया है। इसके तहत प्राधिकरण द्वारा गोमती नगर के विवेकखंड, ऐशबाग इंडस्ट्रियल एरिया के भूखंड संख्या-04, नंदाखेड़ा स्थित तुलसी कॉम्पलेक्स व जानकीपुरम के सेक्टर-एफ में अपने स्वामित्व की भूमि पर कम्यूनिटी सेंटर व सीनियर सिटीजन क्लब का निर्माण कराकर मेंटीनेंस करने का कार्य किया जाएगा। वहीं, कनौसी के केसरी खेड़ा में नगर निगम के स्वामित्व की भूमि आराजी संख्या-1979 पर प्राधिकरण द्वारा उक्त सुविधा विकसित करके नगर निगम को अनुरक्षण एवं संचालन के लिए हैंड ओवर कर दी जाएगी। एलडीए चार विभिन्न स्थानों पर बनाएगा लाइब्रेरी
सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एचएएल द्वारा सीएसआर मद से दिये जाने वाले लगभग तीन करोड़ रुपये से चार विभिन्न स्थानों पर लाइब्रेरी के निर्माण के प्रस्ताव को भी बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसके तहत प्राधिकरण प्रत्येक लाइब्रेरी के लिए 192 वर्गमीटर कवर्ड एरिया के सिंगल स्टोरी भवन निर्मित करेगा, जिसमें एक हॉल, लाईब्रेरियन केबिन, इश्यू काउंटर, कमरे व वॉशरूम आदि होंगे।
व्यवसायिक सम्पत्तियों के समय विस्तार पर रोक
वीसी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा नीलामी-लॉटरी के माध्यम से विभिन्न सम्पत्तियों का विक्रय किया जाता है। जिनमें आवंटी को एक निश्चित समय अवधि के अंदर धनराशि का भुगतान करना होता है। समय से धनराशि जमा न किये जाने पर प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार कार्रवाई करते हुए सम्पत्ति का आवंटन निरस्त कर दिया जाता है। निरस्तीकरण के बाद आवंटी द्वारा प्रार्थना पत्र व पनर्जीवन शुल्क आदि देकर पुनर्जीवनध्किस्तों का समय विस्तार ले लिया जाता है। इससे प्राधिकरण की सम्पत्ति लंबे समय तक ब्लॉक रहती है, जिससे आय का नुकसान होता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में संचालित व्यवसायिक सम्पत्तियों के समय विस्तार पर बोर्ड की अनुमति से रोक लगा दी गयी है।