सिटी में करवाचौथ पर चढ़ा मेहंदी का रंग
LUCKNOW:
सिटी के मार्केट करवाचौथ की पूजा में यूज होने वाले आइटमस के साथ सुहागिनों के साज-सज्जा के सामान से पट गए हैं। मार्केट में शॉप के अलावा ब्यूटी पार्लरों में भी काफी भीड़ नजर आ रही है। बुधवार को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखेंगी। शाम को चांद देखने के बाद विधिवत पूजा के बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ेंगी। मार्केट में भीड़ को देखकर करवाचौथ की तैयारियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। जहां एक ओर महिलाएं श्रृंगार का सामान खरीदते नजर आयीं वहीं दूसरी ओर महिलाओं में मेहंदी लगवाने का भी क्रेज देखने को मिला। उधर सिटी के ब्यूटी पार्लरों में भी काफी भीड़ देखने को मिली। जनपथ व हजरतगंज में देर रात तक लगती रही मेहंदीकरवाचौथ पर मेंहदी लगवाना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि हजरतगंज, जनपथ मार्केट, गोमती नगर समेत शहर के कई बाजारों में मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं की लम्बी लाइन नजर आई। देर रात तक मेहंदी लगवाने के लिए महिलाएं अपनी बारी का इंतजार करती दिखीं। मेहंदी लगाने वालों ने भी जमकर कमाई की। वहीं स्टाइलिश मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं ने मन मुताबिक पैसा खर्च किया।
सजना है मुझे सजना के लिएकरवाचौथ पर महिलाओं की तैयारियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर के लगभग सभी ब्यूटी पार्लर पहले से ही बुक हो गएं हैं। जिन महिलाओं ने पहले से बुकिंग नहीं करवाई उनको मौजूदा समय में पार्लर समय से नहीं मिल पा रहा है। एक दिन पहले से ही पार्लरों में महिलाओं की लंबी लाइन लगी हुई है।
करवाचौथ पूजा विधि पंडित प्रदीप पंत के अनुसार करवाचौथ के व्रत में शिव पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। माता पार्वती ने कठिन तपस्या कर शिवजी को हासिल कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था। ऐसे में करवाचौथ पर शिव पार्वती की पूजा की जाती है। करवाचौथ के दिन चंद्रमा की पूजा का धार्मिक और ज्योतिष दोनों ही दृष्टि से महत्व है। इस बार करवाचौथ में चंद्रमा का पूजन अधिक फलदायक है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार करवाचौथ के दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास या सास की उम्र के समान किसी सुहागिन के पैर छूकर सुहाग की सामग्री भेंट करनी चाहिए। करवाचौथ का मुहर्तपंडित राधे श्याम शास्त्री के अनुसार चतुर्थी शाम को 7.32 मिनट पर रहेगी। इस बार करवाचौथ में चंद्र का पूजन सबसे अधिक फलदायक होगा। इस बार चंद्रमा अपने ही रोहिणी नक्षत्र के उच्च राशि में है। ऐसे में चंद्र का पूजन स्त्रियों के लिए पति और बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। करवाचौथ का पूजन चंद्रोदय से पहले कर लिया जाता है और चंद्रोदय होने पर अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। इस बार करवाचौथ के दिन चंद्रोदय 8.33 बजे होगा। इससे पहले प्रदोष बेला में 7.30 बजे तक पूजन कर सकते हैं। पूजा का शुभ मुहुर्त शाम 5.46 बजे से शाम 6.50 बजे तक है।