वार्डों की सफाई व्यवस्था होगी बेहतर, शिवरी प्लांट फिलहाल बड़ी चुनौती
लखनऊ (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की परीक्षा को लेकर नगर निगम की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैैं। हाल में ही महापौर सुषमा खर्कवाल की ओर से सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बांटे गए संसाधनों का फायदा वार्डों को मिलने भी लगा है। हालांकि अभी डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन में काम किया जाना बाकी है।ये उपकरण दिए गएवार्डों में सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए 300 ट्राइसाइकिल डस्टबिन, 600 आरसी बिन, 1000 हाथ वाला ठेला, 2605 फावड़ा एवं 2605 फावड़ी, 2605 गार्डन स्वार्ड, 2605 पिक एक्स, 4132 सेफ्टी हेलमेट एवं 4125 सेफ्टी गॉगल भी उपलब्ध कराए गए हैैं। जिससे सभी 110 वार्डों में रोड साइड सफाई बेहतर तरीके से हो सके साथ ही ओपन डंपिंग प्वाइंट्स को समाप्त किया जा सके।किया जा रहा जागरुक
स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा को लेकर नगर निगम की ओर से पब्लिक को जागरुक करने के लिए नुक्कड़ नाटक आयोजित कराए जा रहे हैैं साथ ही डोर टू डोर कैंपेन भी जल्द शुरू होने जा रहा है। दरअसल में, केंद्र की टीम पब्लिक फीडबैक भी लेती है और उसके आधार पर भी अंक देती है। पिछली बार नगर निगम ने इस बिंदु पर बेहतरीन स्कोर किया था। इसके बावजूद रैैंकिंग में पांच अंकों का नुकसान उठाना पड़ा था।
शिवरी प्लांट पर फोकसनिगम प्रशासन की ओर से शिवरी प्लांट पर फोकस किया जा रहा है। शिवरी प्लांट में भारी मात्रा में वेस्ट के ढेर लगे हुए हैैं। जिससे नगर निगम को अंकों का नुकसान हो सकता है। पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण में इसी वजह से निगम को अंकों का नुकसान हुआ था, जिसका सीधा असर रैैंकिंग पर पड़ा था। अभी तक फिलहाल शिवरी प्लांट में लगे वेस्ट के ढेरों के निस्तारण के लिए कोई ठोस कार्ययोजना तैयार नहीं की जा सकी है। जिससे आशंका है कि इस बार भी नगर निगम को अंकों का नुकसान होगा।नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने जोन छह का निरीक्षण किया और सफाई व्यवस्था का हाल देखा। उन्होंने निर्देश दिए कि नियमित रूप से सफाई हो साथ ही वेस्ट को साफ करते हुए उसका उचित निस्तारण कराया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैैं कि नाला सफाई के बाद निकली सिल्ट को समय से उठाया जाए, जिससे नाला दोबारा गंदा न हो। अगर सिल्ट नाले में दोबारा चली गई तो जलभराव की समस्या सामने आएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जहां कहीं भी ओपन डंपिंग प्वाइंट्स हैैं, उन्हें तत्काल समाप्त कराया जाए। जिससे स्वच्छता परीक्षा में निगम को अच्छे अंक मिल सकें।