जेईई एडवांस में शहर के स्टूडेंट्स ने लहराया परचम
लखनऊ (ब्यूरो)। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी ने रविवार को जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी कर दिया। रिजल्ट में शहर के मेधावियों ने अपनी सफलता का परचम लहराया है। शहर में जसकरन सिंह को ऑल इंडिया 539 रैंक मिली है। वहीं, कुनाल सिंह ने एआईआर 1241, क्षितिज शुक्ला ने 1279, शाश्वत त्रिपाठी नेे 1657 रैंक के साथ सफलता हासिल की है। लड़कियों में आर्यषी त्रिपाठी को 1718 रैंक मिली है। रविवार को आए रिजल्ट के बाद मेधावियों के घरों में जश्न का माहौल रहा। रविवार को ही फादर्स डे होने के कारण मेधावियों के पिता उनकी सफलता से गदगद नजर आए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इन मेधावियों से बातचीत कर इनके सफलता के मंत्र जाने। पेश है एक रिपोर्टकॉन्सेप्चुअल स्टडी व मॉक टेस्ट बहुत जरूरी
इंदिरानगर निवासी जसकरन सिंह ने मेन्स सेशन 2 में एआईआर 611 हासिल की थी। उन्हें एडवांस में 539 रैंक मिली है। उनके पिता विवेक सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर और मां गुरुबीन कालरा गृहणी हैं। वह सीएमएस गोमतीनगर शाखा के स्टूडेंट्स हैंं। जसकरन का कहना है कि उन्हें मैथ्स में अच्छा होने का फायदा मिला। 4 से 5 घंटे की कन्टीन्यूअस पढ़ाई का फायदा मिला। उन्होंने कॉन्सेप्चुअल बेस पर पढ़ाई की। साथ ही मॉक टेस्ट भी दिया। स्ट्रेस के दौरान उन्हें चेस खेलना पसंद था। वह कहते हैं कि म्यूजिक सुनने से भी कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ता है। रिजल्ट के बाद जसकरन के पिता बेहद खुश नजर आए। उन्होंने बताया कि वह बेटे की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। फादर्स डे पर इससे अच्छा तोहफा नहीं हो सकता। मैं खुद भी आईआईटी-कानपुर का एल्युमिनाई हूं। अब बच्चे को इस संस्थान में दाखिला लेते देखना चाहता हूं।टिप्स: अपनी स्टडी की कंसिस्टेंसी बनाए रखें। साथ ही पेपर के हिसाब से तैयारी करें।बीटेक के बाद आईपीएस ऑफिसर बनना हैजेईई एडवांस में 1241 रैंक हासिल करने वाले कुणाल सिंह ने बताया कि मैंने अपनी पढ़ाई के टाइम टेबल को स्ट्रिक्टली फॉॅलो किया। मेरे कोचिंग के टीचर्स ने जो भी गाइडेंस दी उसको फॉलो किया। इसके साथ ही मॉक टेस्ट आपकी तैयारी को बेहतर बना सकता है। आगे बीटेक के बाद यूपीएससी की तैयारी करनी है और आईपीएस बनना है। कुणाल की मां सीमा सिंगल पेरेंट हैं। उनका अपने पति से एक साल पहले अलगाव हो चुका है। सीमा कहती हैं कि हमारे देश में सिंगल पेरेंट्स को बहुत सम्मान से नहीं देखा जाता, लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं कि मेरे बेटे ने सफलता हासिल कर मेरा सम्मान बढ़ाया है।
टिप्स: अपने गोल को लेकर फोकस्ड रहें। हर सब्जेक्ट को बराबर समय दें। तैयारी में कंसिस्टेंसी बनाए रखें।एआईटीएस से मिली सफलताकृष्णानगर निवासी क्षितिज शुक्ला को 1279 रैंक मिली है। क्षितिज के पिता दिनेश शुक्ला सरकारी टीचर हैं व मां दीक्षा शुक्ला हाउसवाइफ हैं। क्षितिज ने बताया कि मेरे टीचर्स ने जैसे गाइड किया मैंने वैसे ही अपनी तैयारी रखी। कोई भी कंफ्यूजन हुआ तो टीचर्स के संपर्क में रहा। इसके अलावा मैंने मॉक टेस्ट व एआईटीएस से मदद मिली। केमिस्ट्री को अच्छे से पढ़ा। आगे आईआईटी-कानपुर या बॉम्बे से बीटेक करना चाहता हूं।टिप्स: केमिस्ट्री बहुत स्कोरिंग सब्जेक्ट है। उसको अच्छे से तैयार करें। टाइम टेबल के हिसाब से कंसिस्टेंट होकर पढ़ें।केमिस्ट्री की अच्छे से तैयारी की
महानगर निवासी शाश्वत त्रिपाठी को 1657 रैंक मिली है। शाश्वत के पिता परमेश्वर त्रिपाठी इंजीनियर व माता वंदना त्रिपाठी हाउसवाइफ है। शाश्वत कहते हैं कि उन्होंने एडवांस के लिए केमिस्ट्री की अच्छे से तैयारी की। इसके लिए एनसीईआरटी से मदद ली। इसके अलावा सवालों की क्वालिटी को लेकर काफी तैयारी की। मैं इसी से बीटेक करना चाहता हूं। शाश्वत के पिता अममून काम के सिलसिले मे फॉरेन में रहते हैं। वह कहते हैं कि मैं बहुत खुश हूं। अपने बच्चे पर भरोसा जताइए वह आपको कभी निराश नहीं करेगा।टिप्स: मेन्स में स्पीड पर फोकस करना होता है और एडवांस में क्वेश्चन की क्वालिटी पर। ऐसे में खूब डीप पढ़ाई करें।एनसीईआरटी की किताब से मिली मददजेइई मेन्स सेकंड सेशन में 1072 रैंक हासिल करने वाली आर्यांशी त्रिपाठी ने एडवांस में 1718 रैंक हासिल की है। उनके मां पिता डॉक्टर हैं। आर्यांशी का कहना है कि एडवांस के लिए आपकी फिजिक्स व केमिस्ट्री में पकड़ मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए एनसीईआरटी से बहुत मदद मिली। इसके अलावा एग्जाम टाइम तक डिस्ट्रैशन से बचें। आर्यांशी को कैलिग्राफी व स्पोट्र्स में भी दिलचस्पी है। वह कंप्यूटर साइंस या इलेक्ट्रिकल से बीटेक करना चाहती हैं। भविष्य में स्पेस साइंस में करियर बनाना चाहती हैं। उनके पिता आनंद त्रिपाठी कहते हैं कि हमारे घर में डॉक्टर्स हैं। उनके बीच बेटी ने इंजीनियरिंग फील्ड चुनी है। हम उसे सपोर्ट करते हैं और उसके रिजल्ट से बेहद खुश हैं।टिप्स: अपने सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई करें। इसके साथ ही जेईई के अलग-अलग एग्जाम अलग-अलग तैयारी मांगते हैं। अपनी स्ट्रेटजी बनाकर पढ़ाई करें।इन्होंने भी मारी बाजी
शहर से ईशान श्रीवास्तव को 1730 रैंक, कौस्तभ श्रीवास्तव को 1967 रैंक, अमेय विक्रम सिंह को 1929 रैंक, विनायक त्रिपाठी को 2422 रैंक, प्रियंका अरोड़ा को 3542 रैंक, समीर राज को 2815 रैंक, ईशान कुमार को 2841 रैंक, क्षितिज श्रीवास्तव को 3481 रैंक, प्रज्जवल यादव को 4000 रैंक, सार्थक श्रीवास्तव को 4635 रैंक, अभिनंदन चंद्रा को 4818 रैंक मिली है।