बुधवार को चिकित्सकों के पैनल द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया गया। उसकी मृत्यु का कारण अधिक आयु के साथ-साथ शरीर के विभिन्न अंगों में आसामान्य क्षति बताया जा रहा है। विस्तृत जांच रिपोर्ट के लिए अंगों को आईवीआरआई बरेली भेजा गया है जिसके बाद मृत्यु का असली कारण पता चल सकेगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान घूमने आने वाले पर्यटकों को अपनी मासूम हरकतों से लुभाने वाला चिम्पैंजी जैसन हमेशा के लिए खामोश हो गया है। बीमारी के चलते 36 साल की उम्र में उसका निधन हो गया। उसकी मौत की खबर मिलने पर चिडिय़ाघर स्टाफ के बीच शोक की लहर दौड़ गई। वहीं, उसकी साथी निकिता भी बाड़े में उदास नजर आई। चिकित्सकों ने जैसन को बचाने का भरकस प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो सके।मंगलवार रात हुआ निधन


निदेशक वीके मिश्रा के मुताबिक, मंगलवार सुबह लगभग 11:30 बजे चिम्पैंजी जैसन के कीपरों द्वारा प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सकों को सूचना दी गई कि वह सामान्य रूप से भोजन नहीं ले रहा है और बार-बार इधर-उधर लेट रहा है। जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा तत्काल उसका निरीक्षण किया गया और आईवीआरआई, बरेली के विषेशज्ञों से संपर्क कर परामर्श लिया गया। अचानक गंभीर हुई स्थिति को देखते हुए उसकी निगरानी एवं गहन देखभाल प्रारंभ कर दी गयी। देखभाल के दौरान रात्रि लगभग 8 बजे जब जैसन काफी निढाल एवं मूर्छित हो गया, तो उसे बाड़े से पशु चिकित्सालय में शिफ्ट कर उसकी चिकित्सा प्रारंभ कर दी गयी। परंतु रात्रि लगभग 11 बजे जैसन का निधन हो गया।अधिक उम्र बनी निधन का कारण

बुधवार को चिकित्सकों के पैनल द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया गया। उसकी मृत्यु का कारण अधिक आयु के साथ-साथ शरीर के विभिन्न अंगों में आसामान्य क्षति बताया जा रहा है। विस्तृत जांच रिपोर्ट के लिए अंगों को आईवीआरआई, बरेली भेजा गया है, जिसके बाद मृत्यु का असली कारण पता चल सकेगा।2007 में आया था चिम्पैंजी का जोड़ानर चिम्पैंजी जैसन लगभग 20 वर्ष की आयु में 2007 में मैसूर चिडिय़ाघर से अपनी पार्टनर निकिता के साथ लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया था। जैसन और निकिता का जन्म स्वीडन में हुआ था। दोनों तब से साथ रह रहे थे। स्वीडन से कुछ सालों बाद निकिता व जैसन को मैसूर चिडिय़ाघर लाया गया था। लखनऊ जू आने के बाद दोनों की जोड़ी बहुत मशहूर हो गई थी। दूर-दूर से पर्यटक दोनों को देखने आते थे।जब मंत्री पर फेंक दिया पत्थर

जैसन अपनी गुस्सैल हरकतों के लिए मशहूर था। वह चिडिय़ाघर का दौरा करने पहुंचे तत्कालीन वन मंत्री और राज्यमंत्री पर गुस्से में पत्थर भी फेंक चुका था। हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ था। जिसके बाद जू प्रशासन द्वारा बाड़े के बाहर जाली लगा दी गई थी, क्योंकि यह हरकत वह कई बार आम लोगों के साथ भी कर चुका था। वह तब जू निदेशक रहे डॉ। उत्कर्ष शुक्ला को देखकर अक्सर पत्थर चलाया करता था, क्योंकि वह जैसन को इंजेक्शन लगाया करते थे।जब अलग करने की हुई बातजैसन और निकिता के एक साथ होने के बावजूद उनका कुनबा बढ़ नहीं सका। तमाम प्रयासों के बाद कानपुर चिडिय़ाघर से नर चिम्पैंजी को लाने की प्रक्रिया अंतिम दौर में रोक दी गई थी। इसके बाद वर्ष 2014 में जैसन को निकिता से अलग करने के आदेश दिए गए। इसके विरोध में सांसद मेनका गांधी तक ने पत्र लिखा था, जिसके बाद जैसन और निकिता कभी अलग नहीं हुए। जैसन के नाम पर फेसबुक पर एक अलग से फैनपेज भी बनाया गया था।टूट गया पर्यटकों का दिलबुधवार को जैसन के बाड़े के बाहर टकटकी लगाये दर्शक नजर आये, पर जब उनको जैसन के निधन की खबर मिली तो वे भी मायूस हो गये। जैसन अक्सर उटपटांग हरकतें करता और खुशी में झूमता हुआ नजर आता था। वह कभी-कभी अपनी साथी निकिता को परेशान भी किया करता था। दर्शकों को उसकी ये हरकतें बहुत पसंद आती थीं।

Posted By: Inextlive