- सीबीआई ने ईओडब्ल्यू से ली केस डायरी

- आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर ले सकती है सीबीआई

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख : बिजली कर्मियों के बहुचर्चित प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) घोटाले में सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच जल्द घोटाले के आरोपियों से पूछताछ की तैयारी में है। इससे पहले सीबीआई टीम ने ईओडब्ल्यू से केस डायरी की छायाप्रति हासिल की है। सीबीआई जांच के कदम तेजी से आगे बढ़ा रही है। माना जा रहा है कि सीबीआई आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर सिलसिलेवार पूछताछ करेगी। फर्जी ब्रोकर फर्मो के संचालकों पर भी उसका शिकंजा कसेगा।

शासन ने ईओडब्ल्यू को सौंपी थी जांच

पीएफ घोटाले में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में दो नवंबर 2019 को दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है। शासन ने पीएफ घोटाले में दर्ज एफआईआर की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। ईओडब्ल्यू ने जांच में दोषी पाए गए पावर कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी एपी मिश्र, निदेशक (वित्त) सुधांशु द्विवेदी व यूपी स्टेट सेक्टर पावर इंप्लाइज ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता समेत 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ईओडब्ल्यू कोर्ट में कई आरोपपत्र भी दाखिल कर चुकी है। बताया गया कि केस डायरी भी कोर्ट भेजी जा चुकी है। ईओडब्ल्यू ने सीबीआई को केस डायरी की छायाप्रति सौंपी है। सीबीआई से घोटाले से जुड़े दस्तावेज जुटाने के साथ ही जांच के कदम बढ़ा रही है।

नियमों को किया गया था दरकिनार

दरअसल, ईओडब्ल्यू की जांच में प्रॉविडेंट फंड की रकम का निवेश नियमों को दरकिनार कर पीएनबी हाउसिंग व निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में किए जाने की बात सामने आई थी। पूर्व एमडी एपी मिश्र ने वर्ष 2016 में प्रॉविडेंट फंड की रकम पीएनबी हाउसिंग में निवेश किये जाने की मंजूरी दी थी। 15 मार्च 2017 को निजी कंपनी डीएचएफसीएल से कोटेशन लिया गया था और अगले ही दिन 16 मार्च को डीएचएफसीएल में प्रॉविडेंट फंड की रकम निवेश किए को मंजूरी दे दी गई थी। 16 मार्च 2017 को ही तत्कालीन एमडी एपी मिश्र ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था। ट्रस्ट बोर्ड की बैठक व उसकी तारीख बदलने के खेल समेत तत्कालीन कई अधिकारियों की भूमिका भी सीबीआई जांच के दायरे में होगी।

Posted By: Inextlive