ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पिछले महीने भीषण गर्मी एवं उमस होने के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी थी। उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति 28284 मेगावाट इस साल हुई। अभी तक 500 से ऊपर फीडर को अलग किया गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश में उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं बेहतर बिजली आपूर्ति देेने के लिए ऊर्जा विभाग जमीनी स्तर पर कई कार्य कर रहा है। केंद्र की 17 हजार करोड़ रुपये की आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों के मुताबिक, इंफ्रास्ट्रक्चर को नये सिरे से खड़ा करने का प्रयास हो रहा। यह कहना है ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का। उन्होंने बताया कि जर्जर लाइनों एवं बिजली पोल को बदलने का कार्य किया जा रहा। प्रदेश के बढ़ते बिजली लोड के अनुरूप ही उपकेंद्रों, फीडरों और ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जा रही है। जिससे उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग की समस्या से राहत मिल जाएगी।28284 मेगावाट आपूर्ति हुई


ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पिछले महीने भीषण गर्मी एवं उमस होने के कारण बिजली की मांग अप्रत्याशित रूप से बढ़ गयी थी। उत्तर प्रदेश के इतिहास में अभी तक सबसे ज्यादा बिजली की आपूर्ति 28284 मेगावाट इस साल हुई। अभी तक 500 से ऊपर फीडर को अलग किया गया है। लगभग 17000 करोड़ रुपये के खर्च से अमल में लायी गयी आरडीएसएस योजना के अंतर्गत जुलाई एवं अगस्त 2023 के दो महीनों में 1 लाख 76 हजार 589 खंबे लगाये गए एवं चार लाख सर्किट किमी एचटी लाइन एवं लगभग 1.5 लाख किमी एलटी लाइनों तथा जर्जर तारों को बदलने का कार्य हुआ।1028 करोड़ खर्चऊर्जा मंत्री ने बताया कि नगरीय निकायों की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये 1028 करोड़ के कार्य कराये जा रहे हैं साथ ही अतिरिक्त बिजनेस प्लान में बिजली व्यवस्था की सुदृढ़ीकरण के अन्य कार्य भी साथ में हो रहे हैं। इसमें 2858 करोड़ रूपये खर्च होना निर्धारित है। इस वर्ष एडीबी के कार्यों हेतु 1432 करोड़ रुपये तथा आरडीएसएस एवं बिजनेस प्लान तथा इसी प्रकार की अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत तीव्र गति से विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का कार्य आगे बढ़ रहा है।स्मार्ट मीटर बने मुसीबत का सबब, संस्था को किया जाएगा ब्लैक लिस्टपूरे प्रदेश में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा लगाए गए लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन चुके हैैं। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने सवाल उठाया है कि बिजली कड़कने पर भी मीटर खराब हो रहे हैैं, जिससे साफ है कि जमकर लापरवाही बरती गई है। ऐसे में उपभोक्ता परिषद ने एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।पहले भी आ चुकी है समस्या

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कुछ साल पहले जन्माष्टमी पर लाखों उपभोक्ताओं की बत्ती गुल हो गई थी। इसके बाद स्मार्ट मीटर तेज चलने और भार जंपिंग का मामला सामने आया। इन सभी के बावजूद भी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड का ना तो अभी तक एग्रीमेंट खारिज किया गया और ना ही उसे ब्लैक लिस्ट किया गया। भारत सरकार के अधीन ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करने वाली यह कंपनी प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अभिशाप साबित हो रही है।

Posted By: Inextlive