Lucknow News: लोहिया संस्थान में पहली बार बॉम्बे ब्लड ग्रुप का मरीज सामने आया है। 25 वर्षीय राखी बदला हुआ नाम प्रसव के 40 हफ्ते 6 दिन के बाद रायबरेली से रेफर होकर लोहिया संस्थान आईं।


लखनऊ (ब्यूरो)। लोहिया संस्थान में पहली बार बॉम्बे ब्लड ग्रुप का मरीज सामने आया है। 25 वर्षीय राखी (बदला हुआ नाम) प्रसव के 40 हफ्ते 6 दिन के बाद रायबरेली से रेफर होकर लोहिया संस्थान आईं। राखी पेशाब में खून आने, सांस फूलने तथा शिशु का गर्भ में कम घूमने की शिकायत के साथ संस्थान आईं, जिसके बाद मरीज के खून का नमूना ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में आया। जिसके विस्तृत जांचों के बाद इसको बॉम्बे ब्लड ग्रुप में चिन्हित किया गया। यह अनुवांशिक होता है। इस मरीज को केवल इसी रक्त का ग्रुप दिया जा सकता है।भाई का भी मिला सेम ग्रुप
जांच के दौरान मरीज का हीमोग्लोबिन 5.1 पाया गया। इसके बाद विभाग द्वारा मरीज के पूरे परिवार की खून के नमूने की विस्तृत जांच की गई। जिसमें मरीज के भाई का भी बॉम्बे ब्लड ग्रुप पाया गया। इसके बाद मरीज को उसके भाई का रक्त दिया गया। मरीज प्रसव के बाद अब सुरक्षित है।बेहद रेयर है ब्लड ग्रुप


ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के हेड प्रो। सुब्रत चंद्रा द्वारा बताया गया कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप भारत में 10000 में 1 व्यक्ति में पाया जाता है। यूरोपीय तथा विकसित देशों में 10 लाख में से एक और इसमें भी एचएच एक ही एंटीजन (एच) लाल रक्त कणिकाएं पाई जाती हैं, जिससे यह एबीओ ग्रुप से अलग होता है। जिस कारण इसके मरीज को केवल एचएच बॉम्बे ब्लड ग्रुप का ही रक्त लिया या दिया जा सकता है।********************************************एडवांस्ड उपकरणों से अपग्रेड होगा पीजीआईसंजय गांधी पीजीआई को एडवांस्ड मशीनरी व इक्विप्मेंट्स से लैस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस क्रम में, सीएम योगी की मंशा अनुरूप वर्ष 2024-25 में 26 प्रकार की 280 आधुनिक मशीनों व उपकरणों की स्थापना तथा संचालन के लिए 26.84 करोड़ रुपए का धनावंटन स्वीकृत किया गया है। इन आधुनिक उपकरणों में पोर्टेबल इको मशीन, एचडी ड्यूडेनोस्कोप, हाई एंड अल्ट्रासाउंड मशीन तथा रोबोटिक ऑपरेशन थिएट जैसे विभिन्न मशीनरी व इक्विप्मेंट्स की स्थापना की जाएगी। जिससे मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं हासिल हो सकेंगी।लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

इसके साथ ही परिसर में सीसीटीवी कैमरे के इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को भी पूर्ण किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर लखनऊ समेत पूरे प्रदेश से इलाज कराने आने वाले मरीजों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। वहीं, परियोजना के अंतर्गत एनेस्थीसियोलॉजी में ट्रांसक्रेनियल ड्रॉपर, कार्डियोलॉजी में पोर्टेबल ईको मशीन, सेंट्रल रिसर्च फैसिलिटी में स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, सीवीटीएस में नाइट्रिक ऑक्साइड इनहेलेशन यूनिट, इमरजेंसी में एयर-वे कार्ट व इंडोक्राइन सर्जरी में इलेक्ट्रो कॉटेरी मशीन इंस्टॉल की जाएगी। इसके अलावा रोबोटिक ओटी भी इसमें शामिल है।

Posted By: Inextlive