Lucknow News: राजधानी में एक सिरफिरे ने चौक स्थित लोहिया पार्क के पास वेडनेसडे को सरेआम छात्रा पर एसिड फेंक दिया। छात्रा अपने मौसेरे भाई की काउंसलिंग के लिए उसके साथ केजीएमयू जा रही थी। एसिड अटैक से घायल पीड़िता और उसके भाई को केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एडमिट कराया गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में एक सिरफिरे ने चौक स्थित लोहिया पार्क के पास वेडनेसडे को सरेआम छात्रा पर एसिड फेंक दिया। छात्रा अपने मौसेरे भाई की काउंसलिंग के लिए उसके साथ केजीएमयू जा रही थी। एसिड अटैक से घायल पीड़िता और उसके भाई को केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एडमिट कराया गया है। यह पूरी घटना महज 10 सेकेंड में घटी और लोगों के देखते-देखते शोहदा एसिड फेंक कर मौके से फरार हो गया। आरोपी सिरफिरे युवक की पहचान हो गई है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।छात्रा से बात करने के लिए रोका था


डीसीपी वेस्ट दुर्गेश कुमार ने बताया कि चौपटिया चौक निवासी छात्रा नेशनल पीजी कॉलेज की बीबीए के छात्रा है। वेडनेसडे मार्निंग मड़ियांव में रहने वाले अपने मौसेरे भाई से मिलने घर से निकली थी। सुबह करीब 8 बजे छात्रा टैैंपो से चौक स्टेडियम के पास लोहिया पार्क के पास पहुंची थी। भाई-बहन वहां से केजीएमयू की तरफ जा रहे थे। दोनों चौक स्टेडियम के पास खड़े थे। इसी दौरान करीब आठ बजे काली टी-शर्ट पहने बाइक सवार एक युवक आया और छात्रा से बात करने की कोशिश करने लगा। जिस पर छात्रा और उसके भाई ने उसे वहां से भगा दिया। इसके बाद वह लड़का वहां से चला गया और दोबारा फिर लौटा और अपने बैग से बोतल निकाल कर उनपर एसिड फेंक दिया।बहन को बचाने में भाई भी हुआ घायलछात्रा का भाई केजीएमयू में एमबीबीएस फस्ट ईयर का स्टूडेंट है। वह वेडनेसडे मार्निंग अपनी काउंसलिंग के लिए केजीएमयू जा रहा था। भाई की मेडिकल काउंसलिंग की जानकारी होने पर छात्रा भी उसके साथ जा रही थी। हादसे के बाद दोनों बात कर रहे थे कि अचानक बाइक सवार सिरफिरे को बोतल से एसिड फेंकता देख भाई ने बहन को बचाने का प्रयास किया। एसिड से बहन के चेहरे और भाई की पीठ बुरी तरह झुलस गई।प्लास्टिक सर्जरी विभाग में कराया गया एडमिटछात्रा की चीख सुन राहगीरों ने दोनों को तत्काल केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एडमिट कराया। पुलिस के मुताबिक, पीड़िता के पिता ने तहरीर दी है। मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश की जा रही है। वहीं डॉक्टरों के मुताबिक, दोनों का इलाज जारी है। छात्रा के चाचा ने बताया कि पीड़िता का आधा चेहरा एसिड से झुलस गया है वहीं बहन को बचाने के लिए उसके सामने आए भाई की पीठ में एसिड की वजह से गंभीर घाव हुए हैं।रात ढाई बजे आई थी आरोपी की कॉल

पीड़िता छात्रा के पिता ने बताया कि ट्यूज्डे नाइट ढाई बजे बेटी के मोबाइल पर कॉल आई थी। कॉल करने वाले वही सिरफिरा था और उसने कॉल उठाने पर आई लाइक यू कहा था, जिस पर छात्रा ने उसका मोबाइल ब्लॉक कर दिया था। वहीं, परिजनों और पीड़िता से जानकारी के आधार पर पुलिस ने बताया कि एसिड अटैक करने वाला आरोपी पीड़िता को कई दिनों से परेशान कर रहा था। वेडनेसडे मार्निंग भी घर से निकलने पर उसका पीछा किया और उसे रोक कर बात करने का प्रयास कर रहा था। छात्रा के इग्नोर करने और उसके भाई के डांटने पर उसने अचानक हमला कर दिया।हमलावर युवक की हुई पहचान, तलाश जारीछात्रा और उसके भाई पर एसिड अटैक करने वाले की पहचान हो गई है। पुलिस की तलाश में जोर शोर से जुटी है। हालांकि, पुलिस ने पिता की तहरीर पर अज्ञात हमलावर के खिलाफ बीएनएस के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपी इलाके का रहने वाला है उसका नाम अमन उर्फ अभय वर्मा बताया जा रहा है।दोनों की हालत स्थिर, चल रहा इलाज

एसिड अटैक में जख्मी केजीएमयू एमबीबीएस फस्ट ईयर के स्टूडेंट व उसकी 22 वर्षीय मौसेरी बहन की हालत खतरे से बाहर है। दोनों का इलाज केजीएयमू प्लास्टिक सर्जरी विभाग में डॉ। रवि कुमार सिंह व प्रो। बृजेश मिश्रा की देख-रेख में चल रहा है। छात्रा के चेहरे और दोनों बाह एसिड से झुलस गए हैं जबकि छात्र की पीठ और दाहिनी बांह जल गई है। प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम के निगरानी में दोनों का इलाज चल रहा है, दोनों की तबीयत स्थिर है और हालत खतरे से बाहर है।एसिड अटैक का दर्द पहले भी झेल चुकी राजधानी29 जनवरी 202329 जनवरी को घर में घुसकर मां-बेटे पर हुए तेजाब हमले से हमला हुआ था। इस मामले में हरियाणा के 32 वर्षीय एक इंटीरियर डेकोरेटर विक्रम को पुलिस ने अरेस्ट किया था। आरोपी विक्रम ने समलैंगिक रिश्तों के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। वो 26 साल के विकास के साथ रिश्ते में था और अब इस रिश्ते से छुटकारा पाना चाहता था, जिसकी वजह से उसने विकास और उसकी मां पर तेजाब फेंक था।12 जनवरी 2020
कैसरबाग इलाके में एक 14 वर्षीय किशोरी एसिड अटैक का शिकार बनी। लड़की का चेहरा और हाथ बुरी तरह से जल गए हैं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी आशा सोनकर और उसके पति मुकेश सोनकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। बच्ची पर हमला वास्तव में एक दुर्घटना का परिणाम था। पीड़िता गुनगुन सोनकर घसियारी मंडी में एक ज्वैलरी शॉप के पास खड़ी थी, जहां आशा सोनकर चांदी का पायल पॉलिश करवा रही थी। आशा सोनकर और ज्वैलर के बीच एक बहस हुई, जिसने गुस्से में एक थैला फेंक दिया, जिसमें एसिड रखा हुआ था। एसिड गुनगुन और दो अन्य महिलाओं पर गिर गया। गुनगुन गंभीर रूप से झुलस गई।24 जुलाई 2017रायबरेली की रहने वाली यह युवती अलीगंज स्थित श्रमजीवी हॉस्टल में रहती है। वह निजी कंपनी में जॉब करती है। वह हॉस्टल के वॉशरूम में मुंह धोने के लिए पहुंची थी, उसी दौरान किसी अनजान शख्स ने उसके ऊपर तेजाब फेंक दिया। पीड़िता गैंगरेप की भी शिकार हो चुकी है। पीड़िता पर उसी साल मार्च माह में ट्रेन में उस वक्त एसिड अटैक किया गया था, जब वह गंगा गोमती एक्सप्रेस से रायबरेली से लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची थी। तेजाब से झुलसी युवती को जीआरपी ने अस्पताल में भर्ती कराया। ट्रेन में दो युवकों ने उसे जबरदस्ती तेजाब पिलाया और ट्रेन से कूदकर भाग गए। नए कानून में एसिड अटैक की सजा का प्रावधान- बीएनएस की धारा 124 (1) और धारा 78 (1) (आई) के तहत केस दर्ज किया जाएगा।- किसी भी अवधि के लिए कारावास की सजा 10 वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन उसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।- किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से एसिड फेंकने का प्रयास या प्रशास्ति करने का प्रयास या किसी अन्य साधन का यूज करने का प्रयास करने पर कम से कम 5 वर्ष की सजा होगी। जिसमें 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।- एसिड में कोई भी पदार्थ शामिल है जिसमें अम्लीय या क्षयकारी या जलने की प्रकृति होती है, जो शारीरिक चोट पहुंचने में सक्षम है।यहां होता है एसिड का यूज-सोने चांदी को गलाने और तैयार गहनों को साफ करने में।- रेशम के कारोबार में भी सफाई के लिए एसिड यूज करते हैं।- मेटल वायर से जुड़े कुछ कारखानों में भी होता है यूज।- एसिड को डायल्यूट से तैयार किया जाता है टायलेट क्लीनर।बेहद खतरनाक है एसिडएसिड के तौर पर ïकेमिकली नाइट्रिक एसिड, सल्फ्यूरिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड का मेन यूज होता है। यह तीनों बेहद स्ट्रांग और खतरनाक हैं। इनका स्ट्रांग लेवल शीशा, पत्थर, सिरेमिक, सूखी लकड़ी को छोड़कर किसी और मेटल को आसानी से गला सकते हैं। दो एसिड को एक साथ मिला देने पर बनने वाला केमिकल काफी स्ट्रांग हो जाता है। मार्केट में नार्मली सल्फ्यूरिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलता है।इतने तरह के एसिड-मार्केट में कई तरह के डाइल्यूटेड एसिड बिकते हैं।-बाथरूम में यूज होने वाले क्लीनर में दो से चार परसेंट तक एसिड होता है।-80 परसेंट तक डाइल्यूट एसिड ह्यूमन बॉडी के लिए डेंजरस होता है।-मेटल को गलाने के लिये 60 परसेंट तक डाल्यूट एसिड काफी होता है।-मार्केट में 20 से 30 परसेंट तक डाइल्यूट एसिड मिल रहे हैं।-इनके संपर्क में आने पर ह्यूमन बॉडी को काफी नुकसान हो सकता है, मौत भी हो सकती हैकाफी हार्ड हैं रूलएसिड अटैक की घटनाओं को देखते हुए कई शहरों में इसके खुलेआम सेल पर रोक है। सिर्फ बाथरूम क्लीनर एसिड ही मार्केट में सेल कर सकते हैं। स्ट्रांग एसिड सिर्फ रजिस्टर्ड शॉप पर ही सेल हो सकती हैं। वह भी सिर्फ उन्हें सेल कर सकते हैं जो उसका यूज करने के लिये अथराइज्ड हों मगर ऐसा होता नहीं है।छात्रा पर एसिड अटैक के मामले में पिता की तहरीर पर चौक थाने में केस दर्ज कर लिया गया। हमले में छात्रा के साथ उसका रिश्तेदार भाई भी घायल है। दोनों का इलाज केजीएमयू में चल रहा है। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस की कई टीम बनाई गई है। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।-दुर्गेश कुमार, डीसीपी पश्चिमयह देखना जरूरी है कि इंसान की मेंटेलिटी कैसी है। उसकी ग्रूमिंग कैसी हुई है। परिवार और माहौल कैसा है, बचपन और पढ़ाई कैसी रही है। उसको बचपन में पेशेंस रखना सिखाया गया है कि नहीं, इम्पल्सिव बिहेवियर को कंट्रोल करना सिखाया गया कि नहीं, यह सब देखना होता है। एनालिसिस के बाद ही पता चल सकता है कि व्यक्ति की मनोदशा कैसी है।-डॉ। देवाशीष शुक्ला, एमएस एंड साइकियाट्रिस्ट, कैंसर संस्थानबोले एक्सपर्टपहले के समय में युवाओं में परिवार और समाज का डर रहता था। वे इस बात से डरते थे कि लोग क्या कहेंगे। लेकिन वक्त के साथ-साथ युवाओं की मानसिकता में बदलाव आया है। अब उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। इसके अलावा उनमें ये ख्याल ज्यादा आने लगा है कि अगर वह लड़की मेरी नहीं हुई तो किसी और की भी नहीं हो सकती। कई बार ऐसे ख्याल अचानक से आते हैैं और बाद में उन्हें पछतावा होता है।- डॉ। डीआर साहू, एचओडी, सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट, एलयूक्या बोलीं गर्ल्सअगर किसी लड़की को कोई परेशानी हो तो उन्हें अपने पेरेंट्स से शेयर करना चाहिए। कभी भी ऐसे मामलों में चुप नहीं रहना चाहिए। चुप रहने से ही इन लोगों की हिम्मत बढ़ती है और वे ऐसिड अटैक जैसी घटिया हरकत कर देते हैैं।-रिया राजपूतलड़कियों को मजबूत बनना चाहिए और अपने लिए बोलना सीखना चाहिए। जब लड़कियां ही खुद को कम समझती हैैं तभी दूसरे भी उन्हें कम आंकते हैैं।-श्रृष्टि चंद्राकई बार लड़कियां डर की वजह से अपनी परेशानियां किसी से नहीं कह पाती हैैं। उन्हें हिम्मत करनी चाहिए और अपनी बात कहनी चाहिए। अगर हम बहादुर बनेंगे तभी ऐसे मामले कम होंगे।-अनुष्का पालीवाल

Posted By: Inextlive