अनुराग तिवारी केस में नया मोड़, परिजनों की एफबीआई से ओपिनियन की मांग
- सुनंदा पुष्कर मामले की तर्ज पर मृतक अनुराग तिवारी के विसरा की अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई से मेडिकल ओपिनियन की मांग
- सीबीआई टीम पर पूरे मामले में लापरवाही बरतने का आरोप, चीफ सेक्रेटरी के जरिए टीम बदलने की लगाई गुहार pankaj.awasthi@inext.co.in LUCKNOW : आईएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में हुई मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। मृतक अनुराग के परिजनों ने अब तक की सीबीआई जांच से असंतुष्टि जाहिर करते हुए इसमें सुनंदा पुष्कर मामले की तर्ज पर एफबीआई से ओपिनियन लेने की मांग की है। इतना ही नहीं, परिजनों ने चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात कर उनसे जांच कर रही सीबीआई टीम को भी बदलवाने की गुहार लगाई है। इस संबंध में एक पत्र भी चीफ सेक्रेटरी को सौंपा गया है। संदिग्ध हालत में मिला था शव2007 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस ऑफिसर अनुराग तिवारी (36) का शव 17 मई 2017 को हजरतगंज के मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के करीब सड़क पर पड़ा मिला था। बहराइच के मूल निवासी अनुराग कर्नाटक के नगवार में डायरेक्टर फूड एंड सिविल सप्लाई के पद पर तैनात थे। आईएएस अनुराग तिवारी को इसी दिन वापस बेंगलुरु जाना था, लेकिन उसके पहले ही उनकी रहस्यमय हालात में मौत हो गई। उनके ठोढ़ी व शरीर में चोट के निशान मौजूद थे, जिसे देख परिजनों ने उनकी हत्या की आशंका जताई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन एसएसपी दीपक कुमार ने लाश बरामद होने के अगले ही दिन पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। हालांकि, परिजन इससे संतुष्ट न हुए और उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने जांच शुरू की लेकिन, एक साल बीतने के बाद भी सीबीआई टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
टूटा परिजनों के सब्र का बांधमृतक अनुराग तिवारी के भाई मयंक तिवारी ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि घटना के एक साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद सीबीआई टीम अनुराग की मौत की वजह ही नहीं तलाश सकी। जिसके चलते वह इस मामले में किसी भी वक्त क्लोजर रिपोर्ट लगा सकती है। सीबीआई टीम के इस रुख से परिजनों के सब्र का बांध टूट गया है। मयंक ने बताया कि उन्होंने परिजनों के साथ चीफ सेक्रेटरी अनूप चंद्र पांडेय से मुलाकात कर अपनी बात रखी। चीफ सेक्रेटरी को बताया कि किस तरह सीबीआई टीम मामले की जांच में लापरवाही बरत रही है। उन्होंने मांग की कि जिस तरह सुनंदा पुष्कर मामले में विसरा जांच में अमेरिकन जांच एजेंसी एफबीआई से ओपिनियन ली गई उसी तरह अनुराग के विसरा जांच पर एफबीआई से ओपिनियन ली जाये। मयंक ने कहा कि एफबीआई की ओपिनियन से ही अब स्थिति साफ हो सकती है। इसके साथ ही उन लोगों ने मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम को भी बदलने की मांग की है। चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात के बाद इन सभी मांगों को लेकर उनके कहे मुताबिक एक पत्र उन्हें मेल कर दिया गया है।
फैक्ट फाइल - 17 मई 2017 को मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस के सामने मिला था अनुराग का शव - 18 मई 2017 को मामले की जांच को एसआईटी गठित, संदिग्धों से हुई पूछताछ - 22 मई 2017 को अनुराग के परिजनों ने सीएम से मिलकर सीबीआई से जांच कराने की मांग की - 16 जून 2017 को सीबीआई मुख्यालय में अनुराग तिवारी की मौत का केस दर्ज - 17 जून 2017 को सीबीआई की जांच टीम आई लखनऊ, पुलिस से डिटेल रिपोर्ट हासिल की- 24 जून 2017 को अनुराग के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल से पूछताछ
- 06 जुलाई 2017 को सीबीआई की टीम ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ क्राइम सीन रीक्रियेशन किया - अब तक 100 से ज्यादा लोगों से सीबीआई ने की पूछताछ