आयोजन अध्यक्ष डॉ. पुनीत मेहरोत्रा ने बताया कि ओपीडी में आने वाले अधिकतर मरीज पेट की समस्या लेकर आते हैं। इसमें 80 फीसदी में पेट की समस्या की वजह तनाव देखने को मिलती है।


लखनऊ (ब्यूरो)। जो लोग अल्कोहल का सेवन नहीं करते हैं, उनमें भी फैटी लिवर की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर कहा जाता है। इसकी बड़ी वजह ऐसे लोगों का शुगर इनटेक ज्यादा होना बड़ी वजह है। लोग चाय तो बिना चीनी की पीते हैं, लेकिन, मीठाई, केक-पेस्ट्री का सेवन ज्यादा करते हैं। ऐसे में लोगों को शुगर इनटेक कम करना होगा। यह सलाह केजीएमयू के गैस्ट्रो विभाग के हेड डॉ। सुमित रूंगटा ने इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइंटरोलॉजिस्ट की स्टेट ब्रांच के होने वाले प्रोग्राम से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।शुगर इनटेक ज्यादा कर रहे लोग


आयोजन अध्यक्ष डॉ। पुनीत मेहरोत्रा ने बताया कि ओपीडी में आने वाले अधिकतर मरीज पेट की समस्या लेकर आते हैं। इसमें 80 फीसदी में पेट की समस्या की वजह तनाव देखने को मिलती है। चूंकि, ब्रेन का सीधा कनेक्शन आंतों की फंक्शनिंग से होता है। ऐसे में टेंशन होने पर दिमाग पर असर पड़ता है। जिसका सीधा असर आंतों की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। जिसकी वजह से पेट की कई समस्या जैसे गैस, कब्ज, बदहजमी आदि समस्या होने लगती है। यह समस्या खासतौर पर ऑफिस जाने वालों में ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे में खुद को पेट सही रखने के लिए टेंशन से बचना चाहिए।

लिवर सिरोसिस बढ़ रहाआजकल की खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में फैटी लिवर बढ़ने से सिरोसिस की समस्या ज्यादा बढ़ रही है। वहीं, कई मरीजों में हेपेटाइटिस बी और सी नहीं होने के बावजूद कैंसर तक देखने को मिल रहा है। जो एक चिंता का विषय है। ऐसे में हेल्दी लिवर के लिए लोगों को अपनी डायट पर ध्यान देने के साथ एक्सरसाइज करनी चाहिए। रात में जल्दी और हल्का खाकर सोना चाहिए। अगर देर रात भूख लगे तो एक ग्लास दूध पी सकते हैं।जुटेंगे देशभर से एक्सपर्टआयोजन सचिव डॉ। सुमित रूंगटा ने बताया कि इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइंटरोलॉजिस्ट के यूपी चैप्टर के तहत 7-8 अक्टूबर को एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश समेत दिल्ली, हरियाण, राजस्थान आदि प्रदेशों के नामी-गिरामी एक्सपर्ट शामिल होंगे। जो पेट-आंतों की बढ़ती समस्या पर विचार-विमर्श करेंगे।

Posted By: Inextlive