लखनऊ की गलियों में घूम रहे 34 हजार रेबीज कैरियर
लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में तेजी से स्ट्रीट डॉग्स की संख्या बढ़ रही है, वहीं इनके वैक्सीनेशन और बधियाकरण संबंधी कदम को रफ्तार मिलती नहीं दिख रही है। अभी तक शत प्रतिशत स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन और बधियाकरण नहीं कराया जा सका है। निगम के पशु कल्याण विभाग के अधिकारियों का दावा जरूर है कि जल्द शत प्रतिशत वैक्सीनेशन और बधियाकरण का काम करा लिया जाएगा।एक लाख से अधिक डॉग्स
राजधानी में एक लाख से अधिक स्ट्रीट डॉग्स हैैं। गुजरते वक्त के साथ इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शायद ही कोई ऐसा इलाका हो, जहां ये नजर न आते हों। इनकी बढ़ती संख्या के कारण स्थानीय निवासियों को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अब स्ट्रीट डॉग्स के वैक्सीनेशन और बधियाकरण की बात की जाए तो स्थिति थोड़ी चिंताजनक है। एक लाख में से अभी तक सिर्फ 66 हजार डॉग्स का बधियाकरण और वैक्सीनेशन हुआ है। जबकि बाकी बचे हुए डॉग्स का वैक्सीनेशन और बधियाकरण कराने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाने की बात कही जा रही है।शत प्रतिशत बधियाकरण होगा भी नहीं
यह भी स्पष्ट है कि शत प्रतिशत डॉग्स का वैक्सीनेशन तो कर दिया जाएगा लेकिन सभी का बधियाकरण नहीं किया जाएगा। सिर्फ 80 से 85 फीसदी डॉग्स का ही बधियाकरण होगा। इसकी वजह यह है कि अगर सभी डॉग्स का बधियाकरण कर दिया जाता है तो उनकी प्रजाति पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इस वजह से पूरा फोकस शत प्रतिशत डॉग्स के वैक्सीनेशन पर किया जा रहा है। इसके साथ ही 85 प्रतिशत डॉग्स के बधियाकरण का लक्ष्य रखा गया है।हर दिन वैक्सीनेशन-बधियाकरणपशु कल्याण विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हर दिन जरहरा केंद्र में पांच से दस डॉग्स का वैक्सीनेशन और बधियाकरण किया जा रहा है। कई बार यह भी समस्या आती है कि जब टीम स्ट्रीट डॉग्स को लेकर अभियान चलाती है तो कई बार डॉग्स ही नहीं मिलते हैैं। जिसकी वजह से वैक्सीनेशन और बधियाकरण की रफ्तार पर असर पड़ता है। अधिकारियों का दावा है कि दो माह के अंदर शत प्रतिशत वैक्सीनेशन और बधियाकरण कराया जाएगा।वैक्सीनेशन इस वजह से जरूरी
किसी डॉग का वैक्सीनेशन हो जाता है और उसके द्वारा किसी को काट लिया जाता है तो रैबीज की संभावना कम हो जाती है। कई बार तो यह भी देखने में आता है कि घरों में पले हुए डॉग्स का भी लोग प्रॉपर वैक्सीनेशन नहीं कराते हैैं। जिसकी वजह से आसपास रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। विशेषज्ञों की माने तो पेट डॉग्स का भी प्रॉपर वैक्सीनेशन कराया जाना बेहद जरूरी है, जिससे दूसरों के लिए खतरा कम हो सके। समय-समय पर डॉग्स के बिहेवियर की भी जांच कराई जानी चाहिए।ये कदम जरूर उठाएं1- पेट डॉग का जरूर वैक्सीनेशन कराएं2- डॉग के बिहेवियर पर नजर रखें3- रैबीज ग्रसित डॉग को घर में न रखें4- स्ट्रीट डॉग्स को पत्थर इत्यादि न मारें5- नगर निगम से पेट डॉग लाइसेंस जरूर बनवाएं6- दूसरों को भी ऐसा करने के लिए जागरुक करेंपब्लिक भी जानकारी देंअगर किसी एरिया में रैबीज से ग्रसित डॉग की समस्या सामने आती है तो स्थानीय निवासियों की ओर से नगर निगम के कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल की जा सकती है। जिसके बाद पशु कल्याण विभाग की टीम मौके पर जाकर डॉग को पकड़ेगी फिर जरहरा में ले जाकर डॉग का वैक्सीनेशन और बधियाकरण कराएगी फिर उसी स्थान पर लाकर वापस छोड़ देगी।हमारी ओर से शत प्रतिशत स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। डॉग्स के बधियाकरण संबंंधी प्रक्रिया भी चल रही है। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द शत प्रतिशत स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन करा लिया जाए।
डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम