21 हजार 216 उपभोक्ताओं के बिल मैन्युवली बने
- उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर को लेकर किया बड़ा खुलासा
LUCKNOW एक तरफ जहां स्मार्ट मीटर उपभोक्ता पहले से ही भार जंपिंग और रीडिंग जंपिंग की समस्या से परेशान हैं, वहीं उपभोक्ता परिषद की ओर से बिल संबंधी इश्यू को लेकर बड़ा खुलासा किया गया है, जिसमें साफ है कि लखनऊ, अलीगढ़, मथुरा, वृंदावन, बाराबंकी, बरेली, इलाहाबाद, गोरखपुर, बनारस, मेरठ और सहारनपुर के लगभग 29469 स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की अक्टूबर माह में रीडिंग से बिल समय से नहीं बने और लगभग 21216 उपभोक्ताओं के बिल मैनुअली बनाए गए। पुरानी तकनीकी बनी मुसीबत उपभोक्ता परिषद ने स्पष्ट किया कि पुरानी तकनीकी के स्मार्ट मीटर होने से समस्या सामने आ रही है। अभी 2 दिन पहले यही मुद्दा नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की मीटिंग में उठा था। बिजली निगमों की छवि धूमिल होगीउप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि प्रदेश में स्मार्ट मीटर परियोजना लागू कराने वाले अभियंता अब बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। ऐसे में बिजली निगमों की छवि धूमिल होना स्वाभाविक है। जब तक एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि। मीटर निर्माता कंपनियों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाया जायेगा, यह खेल चलता रहेगा।
2जी-3जी टेक्नोलॉजी आधारितउपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहाकि जो भी स्मार्ट मीटर लग रहे हैं, उसमें जिस कंपनी के सिम लगे हैं, वे सभी 2जी व 3जी टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं और इन मीटरों की गारंटी अवधि 5 वर्ष है। जबकि अब यह टेक्नोलॉजी मोबाइल कंपनियां बंद कर रही हैं और 4जी व 5जी टेक्नोलॉजी की तरफ बढ़ रही हैं, फिर ऐसे में पुरानी टेक्नोलॉजी के मीटर लगाना उचित नहीं है।