सिटी में जीका वायरस संक्रमितों की मॉनीटरिंग और उनके इलाज में मदद के स्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़े दावे किए गए लेकिन एक जीका संक्रमित पे्रगनेंट महिला को जब मदद की जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य विभाग से कोई मदद नहीं मिली. जिसके बाद मजबूरी में परिजनों को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा डिलीवरी करानी पड़ी. इस दौरान बच्चे की हालत नाजुक होने की वजह से उसे एनआईसीयू में भर्ती करना पड़ा. सवा लाख खर्च करने के बाद जब दोबारा मदद मांगी गई तब अधिकारी जागे जिसके बाद च्च्चे को बालरोग अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया गया. डॉक्टर्स के मुताबिक बच्चे के हार्ट मेंं छेद है. इसके अलावा नवजात में जीका के भी लक्षण हैं. उसके तालू और होंठ भी कटे हैं. पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के हेड प्रो. यशवंत राव का कहना है कि नवजात में कई जटिलताएं हैं. फ्राईडे को उसकी कार्डियोलॉजी में ईकोकॉर्डियोग्राफी कराई जाएगी. साथ ही जीका की जांच के लिए भी सैंपल भेजेंगे.


कानपुर (ब्यूरो) चकेरी के काजीखेड़ा निवासी भरत महतो की 25 साल की पत्नी को जीका संक्रमण की पुष्टि 9 नवंबर को केजीएमयू की रिपोर्ट में हुई थी। डिलीवरी का टाइम नजदीक होने की वजह से अधिकारियों ने उसकी अल्ट्रासाउंड जांच कराई। पति का आरोप है कि लेबर पेन होने पर वह स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों को फोन मिलाते रहे,लेकिन फोन नहीं उठा। जिसके बाद पत्नी को शारदा नगर स्थित प्रावी वीमेंस एंड चाइल्ड केयर में भर्ती कराया। 12 नवंबर को पत्नी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। एक बच्चे को एनआईसीयू में भी रखा। जबकि दूसरे बेटे को दे दिया। एक बच्चे की हालत ठीक नहीं होने पर उसे लगातार एनआईसीयू में रखे रहे। पत्नी और एक बेटे को 16 नवंबर को डिस्चार्ज करते वक्त सवा लाख का बिल दे दिया। भरत महतो ने सीएमओ को दो दिन पहले समस्या फोन पर बताई। जिस पर उन्होंने हैलट अस्पताल जाने को कहा। अस्पताल का बिल उन्होंने दोस्तों व रिश्तेदारों से उधार लेकर चुकाया। एडी हेल्थ डॉ.जीके मिश्र ने इस प्रकरण पर कहा कि मामला गंभीर है। सीएमओ से रिपोर्ट तलब करेंगे।

फैक्टफाइल- 63- महिलाओं में अब तक जीका संक्रमण की पुष्टि 9- संक्रमित महिलाएं प्रेगनेंट 11- बच्चियां भी जीका संक्रमित
2- जीका संक्रमित महिलाओं की हुई डिलीवरी

Posted By: Inextlive