जेनेटिक कारणों से यूथ को हो रहा हार्ट अटैक
कानपुर (ब्यूरो)। आईएमए के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सीजीपी वर्कशाप के दूसरे दिन सैटरडे को लखनऊ के केजीएमयू, एसजीपीजीआई व अलीगढ़ से आए कार्डियक, ट्रामा, साइकेट्रिस्ट समेत कई एक्सपर्ट डॉक्टर्स ने अपने विचार रखे। एक्सपट्र्स ने अपनी रिसर्च व आधुनिक ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी दी। कार्डियक व साइक्रेट्रिस्ट सेशन में डॉक्टर्स ने एक्सपर्ट से सवाल जवाब किए। जिसका उन्होंने कई अहम जानकारी दी। एक्सपर्ट ने बताया कि यूथ में हो रही हार्ट की बीमारी जेनेटिक भी होती है। साथ ही बताया है कि हार्ट अटैक का सबसे कारण स्ट्रैस है। यहां आईएमए अध्यक्ष डॉ। नंदिनी रस्तोगी, सचिव कुणाल सहाय, डॉ। दीपक रस्तोगी, डॉ। अनुराग मल्होत्रा, डॉ। शालिनी मोहन आदि रहीं।
स्ट्रैस से बढ़ रही हार्ट की बीमारियां
एसजीपीजीआई से आए कार्डियोलॉजिस्ट प्रो। सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि मोटापा, बीपी व लाइफ स्टाइल की अपेक्षा यूथ में स्ट्रेस से अधिक हार्ट की बीमारियां बढ़ रही है। लिहाजा यूथ को इससे सबसे अधिक बचने की जरूरत है। अपनी इच्छाओं को लिमिट और संतुष्ट जीवन जीने की जरूरत है। समय से पहले अधिक पाने की लालसा रखना यूथ में स्ट्रैस का बड़ा कारण है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों एसजीपीजीआई में 2500 पेशेंट में रिसर्च किया गया था। जिसका रिजल्ट चौकाने वाला था। 15 से 20 परसेंट यूथ में हार्ट की बीमारी जेनेटिक निकली।
वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा एक अफवाह एसजीपीजीआई के कार्डियोलॉजिस्ट प्रो। सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि कोरोना काल में हार्ट से रिलेटेड प्रॉब्लम बढ़ गई थी। जिसका असर नसों पर था। लोगो का बीपी अनकंट्रोल था। इसी वजह से हार्ट अटैक के केस बढ़ गए थे। यह समस्या कोरोना काल के दौरान ही कुछ महीनों तक रही थी। वैक्सीन से हार्ट अटैक को कोई लेना देना नहीं है। यह सिर्फ एक अफवाह थी। अब तो आईसीएमआर ने भी इसको सिर्फ अफवाह घोषित कर दिया है। बच्चों में कई गुना बढ़ी ऑटिज्म की समस्या केजीएमयू के मानसिक रोग डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। विवेक अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल एडिक्शन की वजह से बच्चों में ऑटिज्म की समस्या कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि 20 साल पहले जब वह मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रहे थे। जब यह घातक बीमारी 10 हजार में एक बच्चे में देखने को मिलती थी। वहीं वर्तमान में 100 में दो बच्चों में देखने को मिल रही है। इसमें बच्चे का मानसिक विकास, शरीरिक विकास व सोचने समझने की समस्या समय के मुताबिक काफी लेट से हो रही है।
72 परसेंट रोड एक्सीडेंट का कारण डिस्ट्रेक्शन
लखनऊ केजीएमयू के ट्रामा सर्जरी हेड डॉ। समीर मिश्रा ने बताया कि यूपी में होने वाले एक्सीडेंट्स में 72 परसेंट एक्सीडेंट डिस्ट्रेक्शन की वजह से हो रहे हैं। बाइक व कार ड्राइव करने के दौरान अपना माइंड सिर्फ ड्राइविंग पर केंद्रित रखे न कि सडक़ों में होने वाली अन्य एक्टिविटी में, उन्होनें बताया कि एक्सीडेंट में सभी हेलमेट व सीट बेल्ट की बात करते है लेकिन डिस्ट्रेक्शन के बारे में कोई बात नहीं करता है। लिहाजा हमे हेलमेट व सीट बेल्ट के साथ ड्राइविंग के दौरान डिस्ट्रेक्शन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि ट्रैफिक, सडक़ों में चलने का सही तरीका लोगों को सीखने की जरूरत है। जोकि एक्सीडेंट का एक बड़ा कारण हैं।