पानी तेरी फिर वही कहानी, बर्बादी की ‘सभी’ ने ठानी
कानपुर(ब्यूरो)। नगर निगम के सदन में सबमर्सिबल का कामर्शियल यूज और बोरिंग कराने के लिए लाइसेंस और मीटर लगाने का प्रस्ताव करीब तीन महीने पहले पास हुआ। पानी की बर्बादी रोकने के लिए यह नियम बनाया गया। सदन से प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई, लेकिन आज तक सबमर्सिबल और बोरिंग के लाइसेंस के लिए एक भी एप्लीकेशन नहीं आया है और न ही चालान की कार्रवाई की गई। जबकि हर साल 6 लाख से भी ज्यादा हेक्टेअर मीटर एरिया से पानी निकाला जा रहा है। जमीन से पानी के दोहन में हर साल 84 प्रतिशत ग्रोथ भी हो रही है। न तो इस पर अंकुश लग पा रहा और न ही बनाए गए नियम फॉलो हो रहे हैं।
न आवेदन और न ही वसूला गया जुर्माना
कार्यकारिणी में प्रस्ताव के पास के बाद अब तक नगर निगम व जलकल में एक भी सबमर्सिबल व बोरिंग के लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं आए। यहीं नहीं नगर निगम व जलकल ने भी न तो लाइसेंस बनाने के लिए प्रक्रिया को फॉलो कराने के लिए काम किया और न ही चालान व जुर्माना किया गया। जबकि हर दिन रोड किनारे बोरिंग व सबमर्सिबल के जरिए लाखों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है।
महापौर के पकडऩे के बाद गठित की गई टीम
दो दिन पहले महापौर प्रमिला पांडेय ने आर्य नगर एरिया में रोड किनारे अवैध रुप से बोरिंग करते हुए पकड़ा था। स्वरूप नगर पुलिस, नगर निगम व जलकल के अफसरों को मौके पर बुलाकर काम रुकवा दिया। बोरिंग करने वाले कांट्रैक्टर के पास परमिशन के कोई डॉक्यूमेंट नहीं थे। जिसके बाद उसका जुर्माना करने का आदेश दिया गया। महापौर ने इस मामले में तत्काल टीम बनाकर सिटी में अवैध रूप से सबमर्सिबल यूज करने वालों का सर्वे करा उनके लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया।
- वाशिंग सेंटर चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन
- पाल्यूशन बोर्ड की एनओसी कंपलसरी कार्यकारिणी में पास हुआ था प्रस्ताव
नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार सिटी में 4.68 लाख मकान हैं और इनमें से करीब 2.50 लाख घरों में सबमर्सिबल पंप लगे हैं। इस तरह लगभग हर दूसरे घर में सबमर्सिबल पंप लगा हुआ है, जिससे भूजल का दोहन किया जाता है। घटते जलस्तर और पानी की बर्बादी को देखते हुए नगर निगम कार्यकारिणी ने अब सबमर्सिबल पर मीटर लगाने का निर्णय लिया था।