साहब! थाने गए थे कोई सुनवाई नहीं कर रहा. थाने के बाहर से ही मुझे भगा दिया. पुलिस शिकायत दर्ज ही नहीं कर रही है. अक्सर पीडि़त इसी तरह की शिकायतों के साथ सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के पास पहुंचते हैं. इस तरह की शिकायतों पर अंकुश लगाने के लिए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने स्मार्ट वर्क प्लान तैयार किया है. स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट हो रहे थानों में रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाई जाएगी. ये डिवाइस थानों के मेन एंट्रेंस पर लगेगी. जिसके बाद शिकायत करने के लिए पीडि़त को थाने के अंदर जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. बस एक बटन पुश कर आप अपनी कंपलेन रिकॉर्ड कर सकेंगे. प्रूफ के लिए एटीएम की तरह मशीन से एक पर्ची भी मिलेगी. अप्रैल से डिवाइस लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

कानपुर ( ब्यूरो) इस डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम डिवाइस के नीचे लगे बोर्ड पर बिंदुवार लिखा होगा। कंपलेन करने वाले को थाने के बाहर लगी डिवाइस में लगी एक बटन दबानी होगी। एक बीप साउंड के साथ रेड लाइट डिवाइस में ब्लिंक करेगी। ब्लिंकर बंद होने पर अपने साथ हुई परेशानी बोलकर बतानी होगी। दो मिनट में आपको अपनी पूरी बात डिवाइस में रिकॉर्ड करनी होगी। शिकायत लंबी है तो अगले दो मिनट का स्लॉट लेना होगा। वॉयस यानी आवाज के डिसकनेक्ट होने पर डिवाइस से एक स्लिप मिलेगी। इस स्लिप पर थानेदार का सीयूजी नंबर, थाने का नाम लिखा होगा। ये स्लिप ही इविडेंस होगी कि आपने थाने में शिकायत की।

अंदर जाने की जरूरत नहीं
पुलिस अधिकारियों की मानें तो शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर बीट पुलिसकर्मी पीडि़त से संपर्क करेगा। अगर किसी वजह से संपर्क नहीं करता है तो पीडि़त थाने और अधिकारियों से मिलकर अपनी बात कह सकता है। इस प्लान का नोडल अधिकारी एसपी ईस्ट को बनाया गया है। एसपी ईस्ट की मानें तो पीडि़त को थाने आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये डिवाइस 24 घंटे काम करेगी। अगर कंपलेन करने वाला दिव्यांग है, महिला है, सीनियर सिटीजन है या कोई ऐसी बीमारी से पीडि़त है, जिसकी वजह से वह चल नहीं पाता तो बीट पुलिसकर्मी पीडि़त के घर में एफआईआर की कॉपी देंगे।

आम आदमी को मिलेगी राहत
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डिवाइस का कनेक्शन गेट पर लगी लाइट की बैटरी से किया जाएगा, जिससे लाइट की कोई समस्या नहीं रहेगी। बंगलुरू की एक मल्टीनेशनल कंपनी से इस डिवाइस को लगाने का करार हुआ है, एक साल तक डिवाइस का मेंटिनेंस भी कंपनी करेगी। इसके बाद की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी। डिवाइस लगने से आम आदमी के साथ-साथ पुलिस को भी राहत मिलेगी। पीडि़त की दौड़भाग बचेगी और कम समय मेें पीडि़त की समस्या का समाधान होगा।

Posted By: Inextlive