जीरो फिगर व जल्द से जल्द वेट लूज कर फिट दिखने की चाह युवतियों को टीबी का शिकार बना रही है. इसके साथ ही फास्ट फूड का नजदीकी बनाकर शुद्ध घरेलू पौष्टिक आहार से दूरी बना लेने से नई उम्र की युवतियां टीबी रोग से ग्रसित हो रही है.

कानपुर(ब्यूरो)। जीरो फिगर व जल्द से जल्द वेट लूज कर फिट दिखने की चाह युवतियों को टीबी का शिकार बना रही है। इसके साथ ही फास्ट फूड का नजदीकी बनाकर शुद्ध घरेलू पौष्टिक आहार से दूरी बना लेने से नई उम्र की युवतियां टीबी रोग से ग्रसित हो रही है। यह हम नहीं बल्कि मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में डेली आने वाले केस खुद बया कर रहे है। डॉक्टर्स के मुताबिक ओपीडी में डेली 4 से 5 केस नई उम्र की युवतियों के आ रहे है। जोकि टीबी रोग से ग्रसित है। केस हिस्ट्री स्टडी करने पर पता चला कि वह जल्द से जल्द वेट लूज करने के चक्कर में पौष्टिक आहार का सेवन करना बंद कर देती है। लिहाजा उनकी इम्युनिटी पावर कम हो जाती है। जिससे वह टीबी जैसे रोग से ग्रसित हो जाती हैं।

फास्ट फूड भी बढ़ा कारण
मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के एचओडी प्रो। डॉ। संजय वर्मा ने बताया कि नवयुवा पीढ़ी खास कर युवतियों में टीबी होने का एक बड़ा कारण फास्ट फूड भी है। फास्ट फूड से भूख मर जाती है। जिसकी वजह से शरीर को प्राप्त मात्रा में इम्युनिटी पॉवर कम हो जाता है और उनके शरीर में टीवी समेत अन्य संक्रमण आसानी से हावी हो जाते है। लगातार खासी आने की समस्या के साथ वह हॉस्पिटल आती है। चेक कराने पर पता चलता है कि वह टीबी रोग से ग्रसित हैं।
कम समय में वेट लूज करने की जिद
डॉक्टर्स के मुताबिक वर्तमान की मनुष्य की दिनचर्या काफी अव्यवस्थित है। पढ़ाई में व्यस्त होने व मोबाइल, टीवी व कम्प्यूटर स्क्रीन में अधिक समय देने की वजह से वह इनडोर गेम नहीं खेलते हैं। जिसकी वजह से युवाओं में ओवर वेट की समस्या हो रही है। वहीं जब लड़कियां कॉलेज लाइफ में ओवर वेट हो जाए तो उसको फिगर की चिंता सताने लगती है। यहीं कारण है कि वह जल्द से जल्द कम समय में अपने फिगर को मेंटेन करने के लिए खानापीने पूरी तरह से छोड़ देती है और बाहरी प्रोडक्ट के सहारे हो जाती है। इन दिनचर्या से उनकी इम्युनिटी पॉवर कमजोर होती जाती है और वह टीबी रोग से ग्रसित हो जाती है। इस लिए फिगर मेनटेन करने के लिए डाइट में रहने वाली युवतियां किसी डाइटीशियन एक्सपर्ट से सलाह लेकर अपनी डाइट तैयार करे और उसको फॉलो करे।

दो साल में बढ़े ऐसे केस
डॉ। संजय वर्मा बताते है कि दो साल पहले तक टीबी रोग से ग्रसित होने वाले यूवाओं की संख्या न के बराबर थी। ओपीडी में सप्ताह में दो से तीन पेशेंट आ जाते थे। इन दो सालों में ऐसे पेशेंट की संख्या बढ़ी है। जिसके बाद विभिन्न इलाकों में रहने वाले पेशेंट की हिस्ट्री तैयार कर उसकी स्टडी की गई। जिसमें यह सामने आया कि जो युवतियां अपने फिगर मेनटेन करने की वजह से अपने घर पर ही अनफिट टाइट तैयार कर फॉलो करने लगती है। वह वो बच्चियां जो फास्ट फूड से नजदीकी बनाकर घर में पका पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करती है। उनमें टीबी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

आंकड़े
- 4 से 5 केस डेली आ रहे ओपीडी में
- 1 से 2 केस दो साल पहले सप्ताह में आते थे
- 2 माह में 10 किलो वेट कम करने की जिद कर रही बीमार
- 20 केस की हिस्ट्री तैयार की स्टडी की गई

इन दिनों युवा लड़कियां व बच्चे टीबी से ग्रस्त होकर हॉस्पिटल में आ रही है। इसमें सबसे बड़ा कारण कम समय में वेड लूज करने की जिद की वजह से घर का पका पौष्टिक आहार समय से न लेना और बच्चों में फास्ट फूड से नजदीकी बना लेना है।
प्रो। डॉ। संजय वर्मा, एचओडी, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive