स्माईल प्लीज... अब यह सुनने को कम ही मिलता है. क्योंकि सेलफोन के बाद हर कोई फोटोग्र्राफर बन गया. बच्चे से लेकर बड़े तक स्मार्ट सेलफोन से फोटोशूट और सेल्फी लेते हुए नजर आते हैं. हो भी क्यों न 200 मेगा पिक्सल तक कैमरे वाले स्मार्ट सेलफोन मार्केट में उपलब्ध है.

कानपुर (ब्यूरो)। स्माईल प्लीज अब यह सुनने को कम ही मिलता है। क्योंकि सेलफोन के बाद हर कोई फोटोग्र्राफर बन गया। बच्चे से लेकर बड़े तक स्मार्ट सेलफोन से फोटोशूट और सेल्फी लेते हुए नजर आते हैं। हो भी क्यों न 200 मेगा पिक्सल तक कैमरे वाले स्मार्ट सेलफोन मार्केट में उपलब्ध है। साथ में फीचर भी एक से बढ़कर एक हैं। शायद यही वजह है कि छोटी पार्टी, फंक्शन में भी स्मार्ट सेलफोन के कैमरे ने पारंपरिक कैमरों की जगह ले ली है।
मार्केट रिसर्च के अनुसार विगत दस वर्षो में 87 प्रतिशत तक कैमरों की बिक्री गिरी है। वहीं 85 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन से फोटो खींच रहे है। जबकि 90 प्रतिशत लोगों ने पहली सेल्फी अपने मोबाइल फोन से खींची है।

मोबियोग्राफी का बढ़ा क्रेज

पांपरिक कैमरों के क्रेज को खत्म करने के पीछे सबसे बड़ा कारण है स्मार्ट मोबाइल फोन। अब पर्सनल हो या प्रोफेशनल हर जगह कैमरों का यूज धीरे-धीरे कम हो जाता है और उसकी जगह मोबियोग्राफी ने जगह बना ली है। अब तक पांपरिक कैमरों के जरिए प्रोफेशनल कॅरियर बनाने वाले भी मोबियोग्राफी की राह पर चल पड़े है।

शौक में भी नहीं खरीद रहे कैमरे

एक दशक पहले तक लोग फोटो के शौक पर घर के यूज के अलावा प्रोफेशनल कैमरे खरीदते थे। हालांकि अब न शौक और न जरूरत के लिए कैमरे खरीद रहे है। उसकी जगह मोबाइल फोन ने ले ली और उससे न केवल शौक पूरा कर रहे बल्कि फॉर्म, व अन्य जरूरी कामों के लिए यूज होने वाली पासपोर्ट फोटो तक वह मोबाइल फोन से खींच कर काम चला रहे है।

दुनिया की पहली तस्वीर

कैमरे से बनी दुनिया की पहली तस्वीर 1826 या 1827 में फ्रेंच अविष्कारक जोसेफ नाइसफोर नीपेस ने ली थी। यह फोटो फ्रांस के बरगंडी क्षेत्र में नीपेस के घर की ऊपरी मंजिल की खिड़कियों से क्लिक की गई थी। खिड़की से लिए गए इस चित्र को शीर्षक दिया गया 'ले ग्रास की खिड़की से दृश्यÓ दावा किया जाता है कि ये दुनिया की पहली जीवित तस्वीर है। बात करें दुनिया की पहली रंगीन फोटो की तो ये उपलब्धि गणितीय भौतिक विज्ञानी जेम्स क्लर्क मैक्सवेल के नाम है।

दुनिया की पहली 'सेल्फीÓ

दुनिया की सबसे पहली सेल्फी जुलाई 1839 में रॉबर्ट कोर्नोलियस ने ली थी। ये सेल्फी उन्होंने अपने कैमरे के सामने खड़े होकर ली थी। उन्होंने ये सेल्फी फिलोडेल्फिया, पेनसिल्वेनिया, यूएसए में ली थी। रॉबर्ट को ऐसा करने के लिए लगभग 10 से 15 मिनट तक तैयारी करनी पड़ी थी। कुछ और लोगों का दावा है कि दुनिया की पहली सेल्फी 1850 में ली गई थी। यह सेल्फी स्वीडिश आर्ट फोटोग्राफर ऑस्कर गुस्तेव रेंजलेंडर ने ली थी।


इंडिया में फोटोग्राफी आई

इंडिया में फोटो ग्राफी की शुरूआत 16वीं शताब्दी में हो चुकी थी। कहा यह भी जाता है कि कैमरा आधिकारिक रूप से 1855 में भारत पहुंचा। ये अलग बात है कि यहां बहुत समय बाद फोटोग्राफी को एक कैरियर या वैकल्पिक कला के रूप चुना गया। 20वीं सदी की शुरूआत में जब प्रमुख भारतीय नगरों में स्टुडियो खोले गए, तो वो इसलिए कि इन दिनों पोट्रेट फोटोग्राफी की व्यावसायिक मांग बहुत बढ़ चुकी थी। रंगीन फोटो की शुरूआत 1970 के दशक की शुरूआत में हुई। दूरदर्शन पर 25 अप्रैल 1982 को रंगीन प्रसारण प्रारम्भ हुआ।

Posted By: Inextlive