बात घर चलाने की हो या फिर कंपनी. ट्रेन चलाने से लेकर प्लेन उड़ाने तक महिलाएं हर फील्ड में खुद को साबित कर चुकी हैं. रोडवेज में भी अब महिलाएं ड्राइविंग सीट पर आ गई हैं.

कानपुर(ब्यूरो)। बात घर चलाने की हो या फिर कंपनी। ट्रेन चलाने से लेकर प्लेन उड़ाने तक महिलाएं हर फील्ड में खुद को साबित कर चुकी हैं। रोडवेज में भी अब महिलाएं ड्राइविंग सीट पर आ गई हैं। चार महीने की ड्राइविंग ट्रेनिंग विकास नगर स्थित रोडवेज ड्राइविंग इंस्टीट्यूट में लेने के बाद विकास नगर समेत विभिन्न डिपो में महिलाएं रोडवेज में सहायक ड्राइवर के रूप में काम कर रही हैं। रोडवेज भी इन युवतियों के साथ कंधे से कंधा लगाकर खड़ा है। जो वाकई में हौसलों की उड़ान भरकर खुद का अस्तित्व बनाना चाहती है। रोडवेज ने ऐसी युवतियों को फ्री में न केवल ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी है। बल्कि उनको रोजगार मुहैया करा कर आत्मनिर्भर भी बनाया हैं।


खुद का अस्तित्व बनाने के लिए
कल्याणपुर निवासी हरीश चंद्र की 27 वर्षीय बेटी अमीता कमाल, जोकि कौशल विकास के तहत रोडवेज बस की ड्राइविंग ट्रेनिंग लेने के बाद वर्तमान में फजलगंज डिपो में सहायक ड्राइवर के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पिता किसान हैं। घर पर उनकी मां और छोटा भाई भी है। घर की आर्थिक स्थित सही नहीं थी। इस लिए घर के खर्च में पिता का हाथ बंटाने व अपना खुद का अस्तित्व बनाने के लिए उन्होंने रोडवेज ड्राइवर बनने का निर्णय लिया। इस निर्णय से ड्राइवर बनने तक फैमिली का पूरा सपोर्ट मिला। वहीं समाज के कुछ ताने भी सुनने पड़ेे।
कुछ अलग कर दिखाने का जज्बा
रामबाग आगरा निवासी सुशील दीक्षित की पत्नी भावना दीक्षित, जोकि ताज डिपो आगरा में सहायक ड्राइवर के पद पर तैनात है। भावना ने बताया कि कानपुर विकास नगर स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में चार महीने की कड़ी मेहनत करने के बाद ड्राइविंग सीखी। इन दौरान उनके दिल में कुछ अलग कर दिखाने का जुनून था। उन्होंने बताया कि उनकी 14 साल की बेटी राधिका भी है। बेटी को घर में सास-ससुर के पास छोड़ कर पहले ट्रेनिंग पूरी करना और अब ड्यूटी करना काफी चैलेंजिंग रहा है लेकिन अपने इस मुकाम से खुश हूं।
35 युवतियों को मिला रोजगार
विकास नगर स्थित रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल एसपी सिंह ने बताया कि शासन के आदेशानुसार 28 युवतियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग व 13 युवतियों को रोडवेज डिपो में टेक्निकल ट्रेनिंग दी गई थी। जिसमें ट्रेनिंग पूरी कर 22 युवतियों ने ड्राइविंग का टेस्ट पास किया था। जिनकी तैनाती रोडवेज बस के ड्राइवर के रूप में की जाएगी। वहीं 13 युवतियों को फजलगंज रीजनल वर्कशॉप में तैनात किया गया है। जहां वह बस का मेंटीनेंस वर्क संभाल रही हैं।
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सहायक ड्राइवर पर पर कार्यरत युवतियां
विकास नगर में 6
फजलगंज डिपो में 1
उन्नाव डिपो में 1
किदवई नगर डिपो में 2
ताज डिपो आगरा 2
अलीगढ़ डिपो 1
लोनी डिपो गाजियाबाद 1
कौशाम्बी डिपो 1
अवध डिपो लखनऊ 2
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कोट
शासन के आदेशानुसार युवतियों को ड्राइविंग व बसों की टेक्निकल ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया करा आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। ट्रेनिंग पूरी कर चुकी युवतियां डिपो में सहायक ड्राइवर के रूप में काम भी कर रही है।
एसपी सिंह, प्रिंसिपल, रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, विकास नगर
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35 युवतियों को रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दी गई ट्रेनिंग
28 युवतियों को ड्राइविंग और 13 को टेक्निकल ट्रेनिंग दी गई थी
22 युवतियों ने ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ड्राइविंग का टेस्ट पास किया
13 युवतियों को फजलगंज रीजनल वर्कशॉप में तैनात किया गया है

Posted By: Inextlive