चेक टेंपर कर उड़ा देते थे एकाउंट से रकम
आई फ्रॉड
-प्राइवेट फर्म के चालू खाते से लाखों की रकम उड़ाने वाले दो शातिर दबाचे गए -सेविंग एकाउन्ट की चेक में टेंपरिंग कर करेंट एकाउन्ट की बनाते थे -रुपए निकालने के लिए एकाउन्ट होल्डर के फर्जी साइन करते थे, मास्टर माइंड फरार, KANPUR: बादशाहीनाका में एक प्राइवेट फर्म के एकाउन्ट से लाखों रुपए पार करने वाले दो शातिर बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हालांकि उनका सरगना पुलिस को गच्चा देकर फरार हो गया है। तीनों शातिर सेविंग एकाउन्ट की चेक टेंपर कर रुपए निकाल रहे थे। पुलिस ने उनके कब्जे से टेंपर्ड चेक भी बरामद कर ली है। अब पुलिस दोनों को जेल भेजकर उनके सरगना की तलाश में जुट गई है। बना रखी थी बदमाश कंपनीजनरलगंज में रहने वाले सुरेंद्र नाथ अवस्थी वीके इंटर प्राइजेज के प्रोपराइटर हैं। उनकी कम्पनी का पीएनबी में चालू (करेंट) एकाउन्ट है। उन्हें दिसंबर के दूसरे सप्ताह पता चला कि उनकी फर्म के एकाउन्ट से अलग-अलग लोगों ने चेक के जरिए करीब पंद्रह लाख रुपए निकाल लिए हैं, जबकि उन्होंने किसी को भी पेमेंट करने के लिए चेक नहीं दी थी। एकाउन्ट से इतनी लम्बी रकम निकलने पर उन्होंने थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के लिए बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया तो पता चला कि वीके इंटर प्राइजेज फर्म से 18 दिसंबर को कुमार इंटर प्राइजेज फर्म के एकाउन्ट में 4.83 लाख रुपए ट्रांसफर हुए हैं। पुलिस कुमार इंटर प्राइजेज फर्म के एकाउन्ट को चेक किया तो पता चला कि यह एकाउन्ट नौरैयाखेड़ा निवासी वेद प्रकाश सिंह के बेटे करन का है। पुलिस ने उसे उठाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका असली नाम रवि मिश्रा है और वो शास्त्रीनगर निवासी है। उसने बताया कि उसने नौरैया खेड़ा के वेद प्रकाश और अभिषेक पटेल के साथ मिलकर फ्रॉड किया है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर वेद प्रकाश को तो पकड़ लिया, लेकिन अभिषेक उनकी दबिश के पहले ही फरार हो गया।
अभिषेक है सरगना, उसने बनाया गेम फर्म से लाखों रुपए निकाले वाले शातिरों में अभिषेक मास्टर माइंड है। वो फर्जीवाड़ा करने के लिए फर्म की एक चेक लेकर आया था। जिससे उन्हें एकाउन्ट होल्डर के साइन और नम्बर का पता चला था। वो फर्म की चेक कैसे लाया? इस बारे में आरोपियों को कुछ पता नहीं है। बदल देते थे एकाउन्ट नम्बरसीओ ममता कुरील ने बताया कि यह गैंग सेविंग एकाउन्ट की चेक में टेंपरिंग कर उससे असली एकाउन्ट नम्बर मिटा देते थे। इसके बाद वे चेक में संबंधित फर्म का एकाउन्ट नम्बर डाल देते थे। वे एकाउन्ट से रुपए निकालने के लिए चेक पर एकाउन्ट होल्डर के फर्जी साइन भी करते थे।
बैंक, फर्म के कर्मी भी राडार पर सीओ ममता कुरील के मुताबिक इतना बड़ा फर्जीवाड़ा तीनों शातिर बिना बैंक और फर्म कर्मियों की मदद से नहीं कर सकते हैं। इसलिए बैंक और फर्म कर्मी पुलिस के राडार पर हैं। पुलिस ने कुछ कर्मियों को चिंहित भी कर लिया है। जिनसे पूछताछ की जाएगी। --------------- ऐसे बचें फ्रॉड से, फॉर योर इंफॉर्मेशन -अपनी चेक और पासबुक किसी अनजान को न दें। -चेक या फिर पासबुक की फोटो कॉपी करके उसको इधर-उधर न रखें। -अगर किसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो जाएं तो कोतवाली स्थित आईटी सेल में शिकायत दर्ज कराएं। -0512-2310512 एक नंबर भरोसे पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। - आप तुरंत 100 नंबर पर भी कम्प्लेन दर्ज करा सकते हैं।