बारिश के बाद दिन में धूप खिलने और शाम को गलन बढऩे के साथ ही अस्पतालों में बे्रन स्ट्रोक के मरीज बढऩे लगे है. शुक्रवार को ऐसे कई मरीज अस्पताल पहुंचे जिनके ब्रेन ठंड से सिकुड गये थे. बीती रात से शुक्रवार शाम तक ठंड के चलते हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक से पांच लोगों की मौत हो गई. हालात इतने खराब हो गए हैं कि कमजोर दिल वालों पर आफत आ गई है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 20 घंटे में कॉडियोलॉजी में 66 मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है.

कानपुर (ब्यूरो) ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों से हैलट इमरजेंसी भी फुल हो गई है। कोविड संक्रमण के बावजूद मरीज कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। कॉडियोलॉजी में बर्रा के श्यामशंकर (79), नौबस्ता के अच्छेलाल (67) और बिल्हौर की शिवरानी कश्यप (59) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इनका इलाज भी चला पर कॉडियक अरेस्ट इतना तेज रहा है कि तमाम कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। निदेशक प्रो.विनय कृष्णा की रिपोर्ट के अनुसार, इमरजेंसी में 66 मरीजों को भर्ती कराया गया है।

हैलट में भी लगी लाइन
रात से ठंड का ग्राफ बढऩे के बाद से मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। इसी तरह हैलट इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक के 16 मरीजों को भर्ती किया गया है। इनमें से दो मरीजों की सुबह मौत हो गई। जहानाबाद के मो.फजल(77) और घाटमपुर के आनंद कुमार (57) की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हो गई। प्रो.एसके गौतम की माने तो ओपीडी में इस समय सर्दी-जुकाम और कोरोना के ही मरीज आ रहे हैं। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की भीड़ भी फिर से बढऩे लगी है।

Posted By: Inextlive