कमिश्नरेट लागू हुए दो साल पूरे हो चुके हैं लेकिन क्राइम ग्राफ में कमी नहीं आ रही है. लूट हत्या चोरी मारपीट जैस बड़े मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं जिनमें समय पर पुलिस के न पहुंचने और क्राइम सीन से छेड़छाड़ के कारण सबूत नष्ट हो जाते हैं और निर्धारित समय में चार्जशीट नहीं लग पाती है. जिसका फायदा आरोपियों को मिलता है. ऐसे में पुलिस का टाइम मैनेजमेंट सुधारने और आम आदमी को राहत देने के लिए शासन ने कड़े कदम उठाए हैैं. पुलिस कर्मियों को वारदात के बाद घटनास्थल पर कम से कम समय में पहुंचने के साथ &सेल्फी विद विक्टिम&य भेजने के आदेश दिए गए हैं. यानी घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को सीनियर ऑफिसर्स को सेल्फी भेजनी होगी.

कानपुर (ब्यूरो) पुलिस अधिकारियों के मुताबिक क्राइम होने के बाद पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले स्थानीय लोग पहुंच जाते हैैं। फील्ड यूनिट क्राइम सीन सील करने के बाद जब इविडेंस कलेक्ट करती है तो स्निफर डॉग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाता है। न तो फुट प्रिंट मिलते हैैं और न ही फिंगर प्रिंट। 70 फीसद से ज्यादा इविडेंस गायब हो जाते हैैं। वहीं आरोपी अगर आस पास का होता है तो वह क्राइम सीन को डिस्टर्ब कर देता है। जिससे न तो फील्ड यूनिट को कोई इविडेंस मिलता है और न ही पुलिस को। वारदात के बाद कम से कम समय में पुलिस के पहुंचने पर क्राइम सीन सील कर दिया जाएगा, जिससे फील्ड यूनिट को इविडेंस मिलेंगे और मामलों में निर्धारित समय में फाइनल रिपोर्ट या चार्जशीट लगाई जा सकेगी।

बड़ी वारदातों में मिलेगी मदद
कमिश्नरेट में बीते तीन सालों से पीट-पीट कर हत्या के मामले सामनेे आ रहे हैैं। वहीं बीच सडक़ पर मारपीट के वीडियो भी सामने आते रहते हैैं। बैैंक में हुई करोड़ों की चोरी समेत तमाम मामले ऐसे पेंडिंग पड़े हैैं, जिनमें न चार्जशीट लग पा रही है और न ही फाइनल रिपोर्ट। सूचना पर पहले अगर डायल-112 मौके पर पहुंचेगी या पुलिस, क्राइम सीन सील करने के बाद मौके पर मौजूद लोगों को वहां से हटाया जाएगा। इसके बाद वहां मौजूद थाने या पीआरवी की पुलिस &सेल्फी विद विक्टिम&य अधिकारियों को भेजेगी।
लापरवाही पर छिनेगी थानेदारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि &सेल्फी विद विक्टिम&य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर इसमें लापरवाही पाई जाती है तो थानेदार की थानेदारी भी छिन सकती है। वहीं पीआरवी और थाने की पुलिस की सेल्फी में भी समय का अंतर देखा जाएगा। अंतर ज्यादा पाए जाने पर मोबाइल की जांच की जाएगी। साथ ही ये भी कहा गया है कि जितनी देर थानेदार ऑन ड्यूटी रहेंगे यानी जीडी में आमद दर्ज रहेगी, तब तक थानेदार ही पब्लिक या अधिकारियों का फोन रिसीव करेगा।

हर संडे को क्षेत्र में बैठक
बढ़ते हुए क्राइम ग्राफ को कम करने के लिए कमिश्नरेट में आदेश जारी किया गया है कि हर संडे को अलग-अलग इलाके के लोगों के साथ थानेदार बैठक करेंगे। इस दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी हालत में इलाके के लोग इसका नाजायज फायदा न उठा पाएं। इस बैठक के दौरान थानाक्षेत्र में सक्रिय क्रिमिनल्स की जानकारी ली जाएगी। गोपनीय तरीके से या स्थानीय खुफिया इकाई की मदद से इसकी जांच की जाएगी। अगर आरोप सिद्ध होते हैैं तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
थाना पुलिस मौके पर कम से कम समय में पहुंचे। इसके लिए शासन स्तर से कवायद की जा रही है। जल्द ही इसके परिणाम दिखाई देंगे।
बीपी जोगदण्ड, पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर

अभी ये समस्याएं होती हैं
-पुलिस के पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों की भीड़ पहुंच जाती है
-क्राइम सीन डिस्टर्ब होने के कारण सबूत नहीं मिल पाते हैं
-स्निफर डॉग भी कंफ्यूज होकर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाता
-न तो मौके पर फुट प्रिंट मिलते हैैं और न ही फिंगर प्रिंट
-सबूतों के अभाव में चार्जशीट लगाने में समस्या होती है

ये होंगे नई व्यवस्था से फायदे
-कम से कम समय में पुलिस के पहुंचने पर क्राइम सीन सील होगा
-फील्ड यूनिट को मौके से इविडेंस तलाशने में आसानी होगी
-ज्यादा और मजबूत इविडेंट होने से जल्द चार्जशीट लगाई जा सकेगी।
-आरोपी वारदात के सबूत नष्ट होने का फायदा नहीं उठा पाएंगे
- आरोपियों कोर्ट में ट्रायल के दौरान सजा दिलान असाना होगा

Posted By: Inextlive