'इंटरनेट पर नए सौ करोड़ लोग भारत-चीन-अफ़्रीका से'
लंदन में हुए साइबरस्पेस सम्मेलन में बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, ''आने वाले दिनों में ऑनलाइन आने वाले 100 करोड़ नए लोग भारत, चीन और अफ्रीका से होंगे.'' उन्होंने कहा, ''ऐसी संस्कृतियों के लोग जिनसे हमारा आमतौर पर ज़्यादा मेलजोल नहीं होता बहुत भारी संख्या में ऑनलाइन आने वाले हैं.''
जिम्मी वेल्स ने कहा, ''इससे ऐसी सरकारों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं जिन्हें जागरुक और सूचित लोगों से निपटने की आदत नहीं है.'' वेल्स को विकासशील देशों में कई लोगों का पहली बार इंटरनेट का उपयोग करना और लैपटॉप और स्मार्टफ़ोन का काफ़ी किफायती होना उत्साहित करता है।'सेंसरशिप बड़ा खतरा'विकिपीडिया के संस्थापक ने कहा कि इंटरनेट की प्रगति के लिए सेंसरशिप सबसे बड़ा खतरा है क्योंकि 40 से अधिक देश सेंसरशिप का सहारा लेते हैं।उनका कहना था कि 'हार्डवेयर' के क्षेत्र में विकास का मतलब है कि सरकारें पूरे वेबसाइटों को अवरुद्ध करने के बजाय कुछ पृष्ठों को फ़िल्टर कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "हम इसे एक गंभीर समस्या के रूप में देखते हैं." हालांकि वेल्स ने इस प्रवृत्ति को झेलने का वादा करते हुए कहा, "हमारा सिद्धांत है कि सेंसरशिप का हम कभी साथ नहीं देंगे.''
चीन में विकिपीडियाउन्होंने कहा कि विकिपीडिया को अतीत में चीन में सेंसरशिप के साथ विशेष रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। चीनी सरकार ने वर्ष 2004 और 2008 के बीच समय-समय पर साइट को अवरुद्ध किया था लेकिन फिर ओलंपिक के समय उसने प्रतिबंध हटा लिए।
उन्होंने कहा, ''अगर चीन में दोबारा विकीपीडिया को रोका गया तो इसका कड़ा विरोध हो सकता है। '' वेल्स ने कहा विकिपीडिया आज बहुत मज़बूत स्थिति में है। उनका कहना था, "हम पहले से ज़्यादा जाने जाते हैं और चीन के इंटरनेट समुदाय और अधिक आधुनिक हैं।वेल्स ने कहा, ''युवाओं को 'फ़ायरवॉल' से बचना आता है और वो एसा करते भी हैं और जिसकी भी इस ओर थोड़ी-बहुत दिलचस्पी है वो ऐसा कर सकता है."वेल्स ने कहा, "एसे बहुत लोग हैं जो चीन में नहीं रहते और वह चीन के अंदर फ़िल्टर किए जा रहे पृष्ठों को संपादित कर सकते हैं." उन्होंने कहा कि चीन के बाहर चीनी बोलने और लिखने वाले लोगों की संख्या जर्मनी की जनसंख्या से अधिक है।