850 करोड़ खर्च फिर भी लाखों घरों को पानी का 'इंतजार'
- जेएनएनयूआरएम के तहत बनाए गए 38 जेडपीएस अब तक नहीं हुए शुरू, जो हुए शुरू वो भी महीनों से पड़े हैं बंद
-लाइनों में लीकेज की वजह से जेडपीएस हुए बंद, जल निगम ने लिखकर दिया, पैसा नहीं है, नहीं बन पाएंगे लीकेज kanpur@inext.co.inKANPUR : प्रभु श्रीराम का वनवास भी 14 साल में पूरा हो गया था लेकिन शहर के लाखों घरों में 14 साल से पानी के लिए हो रहा इंतजार अब तक खत्म नहीं हो पाया है। सिटी में 14 साल पहले प्योर वाटर सप्लाई के लिए जेएनएनयूआरएम योजना शुरू की गई थी। अब तक 850 करोड़ रुपए भी खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन एक लाख से अधिक घरों तक पानी अभी नहीं पहुंच सका है। इस योजना में ईस्ट और साउथ सर्विस डिस्ट्रिक्ट के तहत 475 करोड़ रुपए से 1030 किमी। वाटर लाइन डाली गई। लेकिन 50 परसेंट लाइनों में आज भी पानी नहीं है। 38 जोनल पंपिंग स्टेशन 100 करोड़ की ज्यादा से लागत बनकर तैयार हैं लेकिन ये ठूठ बनकर खड़े हैं। इनमें कुछ जो शुरू हुए थे, वे भी बंदी की कगार पर हैं। इससे 5 लाख से ज्यादा की आबादी परेशान है। लाइनों में लीकेज की वजह से जोनल पंपिंग स्टेशन तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। अब बजट न होने से जल निगम ने भी इन लीकेज को बनाने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
रोड कटिंग का पैसा नहीं लीकेज की शिकायतों से परेशान होकर महापौर प्रमिला पांडेय ने मंडे को जलनिगम सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रामशरण पाल को ऑफिस बुलाया। लीकेज न बनवाने को लेकर उनसे कारण पूछा गया तो उन्होंने महापौर को बताया कि रोड कटिंग का पैसा विभाग के पास नहीं है। इस कारण से वह लीकेज बनाने में असमर्थ हैं। शासन से बजट मिलने के बाद ही लीकेज बनाने का काम शुरू हो पाएगा। 20 परसेंट घरों में ही पानी सरकारी तंत्र ने इस योजना में करप्शन की सभी लाइनों को क्रॉस कर दिया था। यही कारण है कि इस योजना से अभी तक 20 परसेंट घरों में ही पानी पहुंच सका। गंगा बैराज से फूलबाग तक बड़ी मुश्किलों के बाद वाटर सप्लाई शुरू हुई, लेकिन आए दिन इसमें लीकेज से वाटर सप्लाई बंद हो जाती है। शासन भी रिपोर्ट लेकर भूलाजुलाई-2019 में शासन में ज्वाइंट सेकेट्री ने बंद पड़े ओवरहैड टैंक, नलकूप आदि की रिपोर्ट नगर निगम से मांगी थी। वहीं शहर में योजना के तहत बनाए गए 76 में से पूरी क्षमता से लगभग 5 जेडपीएस ही कार्य कर रहे हैं। 38 पूरी तरह से बंद हैं और बाकी में आए दिन लीकेज व खराबी से बंद रहते हैं। बजट देने पर फैसला हुआ था, लेकिन आज तक बजट नहीं आया है।
कनेक्शन के बाद भी सप्लाई नहीं बसंत विहार बाबा नगर, एसडब्ल्यू-2, चुतर्वेदी बिल्डिंग रोड और सूरदास पार्क वाली गली में 2 साल पहले लोगों ने वाटर कनेक्शन लिया था, टेस्टिंग भी हुई, लेकिन आज तक उन लाइनों में पानी नहीं आया। जेएनएनयूआरएम में 475 करोड़ रुपए से 1030 किमी। वाटर लाइन डाली गई। लेकिन 50 परसेंट लाइनों में आज भी पानी सप्लाई नहीं हो सका है। वहीं बाबा नगर के निवासियों ने ईयर 2017 में आईजीआरएस में मामला रजिस्टर कराया था। लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी सिस्टम अपने हिसाब से ही चल रहा है। जेएनएनयूआरएम योजना: एक नजर में - 850 करोड़ से लाइन डालने का कार्य शुरू किया गया। - 1,030 किलोमीटर वाटर लाइन डाली जानी थी। - 957 किलोमीटर लाइन अब तक डाली जा चुकी है। - 63 किमी। मेन फीडर लाइन डाली जा चुकी है। - 38 जेडपीएस में से पानी की कोई सप्लाई नहीं।- 5 जेडपीएस ही पूरी क्षमता से हो सके हैं चालू।
- 14 जेडपीएस आंशिक रूप से कार्य कर रहे हैं। --------------- बंद पड़े जेडपीएस -बर्रा-2 रामजानकी मंदिर -बर्रा-3 पानी की टंकी -बर्रा-5 पानी की टंकी -परमपुरवा -बेकनगंज -रामबाग -आजाद नगर -विष्णुपुरी आदि। यहां हैं लीकेज देवनगर, भन्नानापुरवा, चमनगंज, शहीदाबाद, हलीम मार्केट, हलीम प्राइमरी, सीसामऊ उत्तरी, प्रेमनगर, मो। अली पार्क, तकिया पार्क, हाजी शेरा चौराहा, पेशकार रोड, ईसाईयों का हाता आदि। '' वाटर लाइन में लीकेज की वजह से जल निगम अधिकारी को बुलाया था। उन्होंने लिखकर दिया है कि रोड कटिंग का पैसा न हो पाने की वजह से लीकेज नहीं बनाए जा सकेंगे। जल्द लीकेज को बनवाया जाएगा.'' -प्रमिला पांडेय, महापौर। ---- मेरे वार्ड में 4 महीने पहले जेडपीएस चालू हुआ था। अक्सर लाइनों में लीकेज की वजह से बंद कर दिया गया। पिछले 2 महीने से पूरी तरह बंद है। 50,000 से ज्यादा की आबादी परेशान है। -लियाकत अली ---------- जेएनएनयूआरएम योजना के तहत वॉटर लाइनें डाली गई थी। इन लाइनों में 50 से ज्यादा जगहों पर लीकेज है। इनसे रोज हजारों लीटर साफ पानी सड़क पर बह कर बर्बाद हो जाता है।-मो। आमिर खान
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