कहीं सीओडी जैसा हश्र न हो झकरकटी पुल का
-जीटी रोड झकरकटी ब्रिज के लिए रेलवे ने अपने हिस्से के चारों पिलर बनाए, स्लैब डालने की तैयारी
- पीडब्ल्यूडी-एनएच अभी तक पास नहीं करा सका अप्रोच रोड का 102 करोड़ का स्टीमेट -ब्रिज की अप्रोच रोड में रोडवेज व रेलवे की जमीन, अवैध बस्ती, धार्मिक स्थल सहित कई हैं रोड़ेKANPUR: जीटी रोड झकरकटी पैरलल ब्रिज का हश्र सीओडी जैसा ही होने जा रहा है। रेलवे ने अपने हिस्से के रेलवे लाइन पर चारों पिलर बना दिए हैं और स्लैब डालने तक की तैयारी शुरू हो गई है। पर इस आरओबी की अप्रोच रोड का अता-पता नहीं है। अप्रोच रोड बनना शुरू होना तो दूर की बात है, अभी एस्टीमेट तक पास तक नही हुआ। जिसके चलते जीटी रोड पर लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा पाने को ख्वाब संजोए लोगों को अभी लंबे समय तक मुश्किलों का सामना करते रहने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
जीटी रोड की सीओडी क्रॉसिंग पर दो दशक बाद भी ब्रिज नहीं बन सका है। जबकि इस क्रॉसिंग से रोजाना 100 से अधिक ट्रेन गुजरने के कारण लोगों को ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ना था। अभी ब्रिज की डेडलाइन पर डेडलाइन दी जा रही है। अभी तक टाटमिल से रामादेवी जाने वाली साइड पर टू लेन ब्रिज जुलाई में चालू हो जाने के पीडब्ल्यूडी-एनएच ऑफिसर कर रहे थे, अब दिसंबर की डेडलाइन दे रहे है। जबकि साइड की टू लेन दिसंबर,2016 में कम्प्लीट होने के दावे कर रहे है। कुलमिलाकर जीटी रोड पर जाम की समस्या से अभी लंबे समय तक जूझते रहना पड़ेगा।जाम से साउथ सिटी-नार्थ सिटी का आवागमन हो जाता ठप
जीटी रोड सिटी की लाइफ लाइन है। इस जीटी रोड पर स्थित टू लेन झकरकटी ब्रिज वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण संकरा हो चुका है। रोडवेज बसेज और ट्रक जैसे हैवी व्हेकिल्स का आवागमन भी इस पुल से होता है। जिसके कारण अक्सर इस ब्रिज पर ट्रैफिक जाम लग जाता है। जिससे टाटमिल चौराहा और अफीमकोठी चौराहा तक जाम का जंजाल फैल जाता है। इससे साउथ सिटी और नार्थ सिटी के बीच आवागमन ठप हो जाता है। लोगों को श्याम नगर और गोविन्दपुरी पुल के चक्कर काटने पड़ते हैं। वैसे भी जीटी रोड झकरकटी पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका है।
चुनाव आचार संहिता के बीच रेलवे ने शुरू किया था। रेलवे ने रेलवे लाइन के अपने हिस्से पर ब्रिज बनाने का काम पिछले वर्ष शुरू किया था। तब ऐसा लगा था कि ये पूरा पुल दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। रेलवे ने पुल बनाने का काम शुरू करने में चुनाव आचार संहिता की परवाह नहीं की थी। चुनाव आचार संहिता के बीच पिछले साल अप्रैल में रेलवे ने ब्रिज के पिलर बनाने का काम शुरू कर दिया था। अब रेलवे ने अपने 73 मीटर ब्रिज के हिस्से के लिए झकरकटी रेलवे लाइन अपने चारों पिलर बना दिए हैं। वह स्लैब डालने की तैयारी में जुट गया है। ब्रिज की अप्रोच रोड का अता-पता नहींरेलवे को 73 मीटर लंबा ब्रिज बनाना है। पीडब्ल्यूडी-एनएच को इसके दोनों ओर 12 मीटर चौड़ी व 355-355 मीटर लंबी अप्रोच रोड बनानी है। पर अप्रोच रोड बनाने का अभी तक काम शुरू नहीं हुआ। काम शुरू होना तो दूर की बात एक साल में अभी तक पीडब्ल्यूडी-एनएच 1 साल में अप्रोच रोड का स्टीमेट तक पास नहीं करा सका है। पहले पीडब्ल्यूडी-एनएच ऑफिसर्स की लापरवाही की वजह से पुल की डिजाइन तैयार होने में देरी हुई । अब अप्रोच रोड का 102 करोड़ का एस्टीमेट केन्द्रीय सड़क एवं भूतल परिहवन मंत्रालय में लटका हुआ है।
रोड़े ही रोड़ेअगर स्टीमेट पास भी हो गया तो ब्रिज की अप्रोच रोड बनने का काम शुरू हो पाना आसान नहीं है। ब्रिज के अप्रोच रोड के दोनों तरफ जबरदस्त एनक्रोचमेंट हैं। टाटमिल चौराहा साइड में पहले रेलवे किनारे बस्ती बसी हुई है। जिसमें सैकड़ों मकान है। अप्रोच रोड के लिए दर्जनों मकान तोड़ने पड़ेंगे। इसके बाद पक्की दुकानें बनी हुई। जिन्हें तोड़ना पड़ेगा। पीडब्ल्यूडी एनएच को रोडवेज व रेलवे से भी जमीन लेनी पड़ेगी। क्योंकि झकरकटी रोडवेज बस डिपो से भी ब्रिज की अप्रोच रोड गुजरेगी। जहां बिल्डिंग बनी हुई है। इसके बाद रेलवे के मालगोदाम का ऑफिस बना हुआ है। जिससे भी तोड़ना पड़ेगा। वहीं अफीमकोठी चौराहा की तरफ अप्रोच रोड की राह आसान नहीं है। धार्मिक स्थल के अलावा कई पक्के निर्माण है। जिन्हें ध्वस्त करना पड़ेगा। यहीं नहीं अप्रोच रोड के एलॉइन में डीप सीवर लाइन के अलावा वाटर लाइन, इलेक्ट्रिसिटी केबिल, टेलीकॉम केबिल का संजाल फैला हुआ है। इन्हें भी शिफ्ट कराना पड़ेगा। पीडब्ल्यूडी एनएच के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पृथ्वेश कुमार ने बताया कि ये सही है कि झकरकटी ब्रिज का रेलवे अपना हिस्सा बना रहा है। पर अप्रोच रोड का एस्टीमेट अभी तक पास नहीं हुआ। एस्टीमेट केन्द्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्रालय के पास है। इसी महीने एस्टीमेट पास हो जाने की उम्मीद है। सर्विस शिफ्टिंग के लिए केस्को, जलकल, बीएसएनएल के संपर्क में है।
। दो दशक से नहीं बन पाया सीओडी ब्रिज