100 साल का हुआ वीएसएसडी, पूरी दुनिया में चमक रहे स्टूडेंट
कानपुर (ब्यूरो) वीएसएसडी कॉलेज के प्रबंध समिति के सदस्य भवानी भीख तिवारी ने 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर भारत ने गौरवशाली विजय हासिल की थी। दुश्मन सेना के 93 हजार सैनिकों ने भारत के बहादुर सैनिकों के समक्ष समर्पण किया था। इसे हर साल गौरव भारत विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। इसी दिन कॉलेज की विजय यात्रा दौड़ किए जाने का निर्णय लिया गया है. रितंभरा में होगा पूरा इतिहास पांच किलोमीटर की दौड़ में 500 लोग शामिल होंगे। यह खुली प्रतियोगिता होगी। इसमें फस्र्ट, सेकेंड, थर्ड विनर को 5100, 3100, 2100 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके साथ ही चौथे से 15वें स्थान तक रहने वाले प्रतिभागियों को 501 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। सभी को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। बिपिन चंद्र कौशिक ने बताया कि कार्यक्रम की श्रंखला में रितंभरा पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। इसमें कॉलेज के सौ सालों का इतिहास होगा। इसकी 20 हजार प्रतियां विभिन्न संस्थानों में भेजी जाएंगी। बांबे यूनिवर्सिटी से शुरुआत वीएसएसडी कॉलेज की स्थापना 1921 में हुआ था। यह कॉलेज उत्तर भारत का पहला कामर्स कॉलेज था। उस समय बांबे यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था। 1923 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एफिलिऐड हुआ। 1928 में आगरा यूनिवर्सिटी और 1967 में कानपुर यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड हो गया। नैक की ओर से कॉलेज को 2009 और 2016 में इसे ए ग्रेड दिया गया है।