स्कूल-कॉलेजों में मतदान, खाली सडक़ें बनीं खेल का मैदान
कानपुर (ब्यूरो) सुबह साउथ सिटी में घनी आबादी वाले इलाकों के बूथों में लोग मतदान करने पहुंचे, गर्मी की वजह से उन्हें अपनी बारी का इंतजार पेड़ के नीचे करना पड़ा। 11 बजते-बजते किदवई नगर, बाकर गंज, अजीत गंज, ट्रांसपोर्ट नगर, आनंदपुरी और बगाही में सडक़ों पर सन्नाटा दिखने लगा। जबकि पॉश इलाकों में लोग निजी वाहनों से पोलिंग बूथ तक पहुंचे, श्याम नगर में भी सडक़ों पर सन्नाटा छाया रहा। लालबंगला सुतरखाना, हरबंश मोहाल, गड़रिया मोहाल और हूलागंज में भी सडक़ों पर सन्नाटा दिखाई दिया। बिरहाना रोड, फीलखाना, रामनारायन बाजार कुरसवां, पटकापुर में सडक़ पर कुछ चहल पहल दिखाई दी। चाय पान की दुकानें खुली मिलीं और लोग कम मतदान की चर्चा करते मिले। वोट देने की अपील करते दिखे
कई पोलिंग सेंटर से कुछ दूर प्रत्याशियों के समर्थक मतदाताओं से हाथ जोड़ कर अपने प्रत्याशियों को वोट देने की अपील करते दिखाई दिए। मेस्टन रोड और चौैक सर्राफा, नयागंज, हटिया और बादशाहीनाका से लेकर परेड तक लोग सडक़ पर दिखे। बांसमंडी, यतीमखाना, चमनगंज, बेकनगंज मेें भी मतदाता पूरे दिन बिना धूप की परवाह किए वोट डालते दिखे। सीसामऊ, पीरोड और 80 फीट रोड, गुमटी नंबर पांच से लेकर फजलगंज और दर्शनपुरवा की गलियों में लोग कम निकले। रावतपुर, काकादेव और कल्याणपुर में चाय आदि की दुकानें सुबह के समय खुली थीं, लेकिन मौसम गर्म होते ही ये दुकानें भी बंद हो गईं। साउथ सिटी में यशोदा नगर, बर्रा, गुजैनी में भी सडक़ों पर सन्नाटा दिखाा।संवेदनशील क्षेत्रों गूंजते रहे सायरनशहर के संवेदनशील इलाकों और अतिसंवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था। पूरे दिन पुलिस की गाडिय़ों के सायरन गूंजते रहे। 18 क्यूआरटी की ड्यूटी इन इलाकों में लगाई गई थी। ड्रोन से इन इलाकों की निगरानी की जाती रही, नतीजा ये रहा कि हाईपर सेंसटिव और सेंसटिव इलाकों में पुलिस की भारी तैनाती की गई थी। पीटीजेड कैमरों का कनेक्शन अधिकारियों के टैब से कनेक्ट थे। जहां भी भीड़ लगने की सूचना मिली वहां पुलिस लाठी फटकार कर लोगों को भगाती दिखाई दी। जिन इलाकों में एनआरसी और सीएए का विवाद हुआ था, वहां क्यूआरटी की तैनाती की गई थी।