54 एसी रूम में वीआईपी ट्रीटमेंट
-हैलट में प्राइवेट वार्ड-50 के रेनोवेशन के लिए शासन से 12 करोड़ स्वीकृत, काम शुरू
-हर रूम में हाईटेक नर्सिग स्टेशन के साथ सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन और सेक्शन पाइपलाइन KANPUR: एलएलआर हैलट हॉस्पिटल में पेशेंट्स को वीआईपी ट्रीटमेंट की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए जल्द यहां 54 एयरकंडीशंड रूम तैयार हो जाएंगे। इन रूम में इलाज के लिए भी प्राइवेट हॉस्पिटल की तर्ज पर व्यवस्था होगी। इसके लिए यहां एक हाईटेक नर्सिंग स्टेशन भी तैयार होगा। शासन से प्राइवेट वार्ड-50 के रेनोवेशन के लिए 12 करोड़ रुपए स्वीकृत करने के बाद रेनोवेशन का काम शुरू हो गया है। वहीं इस वार्ड को कैसे ऑपरेट करना है इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। प्राइवेट विंग में होंगी यह सुविधाएं - 54 एयरकंडीशंड रूम अटैच किचन और टॉयलेट के साथ - 10 प्राइवेट रूम में क्रिटिकल केयर ट्रीटमेंट की फैसेलिटी-500 से 1 हजार रुपए के बीच हो सकता है किराया
- 2 करोड़ की पहली किश्त मिलने से रेनोवेशन शुरू प्राइवेट रूम में क्रिटिकल केयरइस प्राइवेट वार्ड-50 में 10 रूम ऐसे भी तैयार किए जाएंगे। जिनमें पेशेंट्स को निर्धारित दरों पर क्रिटिकल केयर की फैसेलिटीज भी मिल सकेंगी। इन कमरों में वेंटीलेटर्स से लेकर डेडीकेटेड पैरामेडिकल स्टॉफ की फैसेलिटीज भी मिलेंगी। इन कमरों में फाउलर बेड पर पेशेंट्स का इलाज होगा। कई और एनीमिटीज भी बढ़ाई जाएंगी।
गाइडलाइन तैयार की जाएगी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ.आरबी कमल ने जानकारी दी कि इस वार्ड के रेनोवेशन के बाद इसमें हर रूम का किराया और नर्सिग चार्जेस तय करने के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है। इसके अलावा किन लोगों को फ्री में रूम की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए भी स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करेंगे। प्राइवेट रूम का किराया 500 से 1 हजार रुपए के बीच हो सकता है। नर्सिग चार्जेस अलग होंगे। वर्षो से बंद था वार्ड एलएलआर हॉस्पिटल कैंपस में आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के ठीक पीछे बने प्राइवेट 50 वार्ड में कहने को तो 54 कमरे हैं, लेकिन यह वार्ड कई वर्षो से बंद पड़ा था। प्राइवेट रूम की बढ़ती डिमांड को देखते हुए शासन ने इसके रेनोवेशन के लिए 12 करोड़ रुपए का प्रस्ताव मंजूर किया। जिसमें से 2 करोड़ की पहली किश्त जारी भी हो गई है। यूपी सिडको जोकि कार्यदायी संस्था है उसके ठेकेदार ने काम भी शुरू कर दिया है। रेनोवेशन का काम शुरू हो गया है। सभी रूम एयरकंडीशंड होंगे। इनमें इलाज के चार्जेस तय करने के लिए एक कमेटी भी बनेगी।- डॉ। आरबी कमल, प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज