ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने बताया कि बेटी की हत्या के बाद से न्याय के इंतजार में कानपुर कोर्ट के चक्कर लगाता रहा. कई बार परेशान हुआ हिम्मत ने जवाब दे दिया लेकिन हौसला टूटने नहीं दिया. शुरुआत में इटावा निवासी एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की ओर से मुझ पर दबाव डलवाया गया. इटावा पुलिस जबलपुर स्थित घर तक पहुंच गई थी. झूठे मुकदमे में फंसाने की कोशिश की. उस मंत्री की वजह से ही जेल में पीयूष व उसकी प्रेमिका मनीषा को वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा था. तमाम बार समस्याएं आईं लेकिन मैैं कभी नहीं घबराया. मन मेे ठान लिया था बेटी को न्याय दिला कर ही रहूंगा.


कानपुर (ब्यूरो) शंकर नागदेव ने कहा कि भले ही यहां मेरी बेटी की हत्या हुई हो, लेकिन एक घटना के बाद वह कनपुरिया संस्कृति का मुरीद हो गया। सेंट्रल स्टेशन पर परिचय होने पर कुली ने मुझसे माफी मांगी कि उसके शहर में मेरी बेटी की हत्या हो गई। यही नहीं उसने सामान उठाने का पैसा लेने से भी मना कर दिया था। तभी से मैैं कानपुर की संस्कृति का कर्जदार और मुरीद हो गया। हत्याकांड के बाद कानपुर के लोगों ने आक्रोश दिखाया और बेटी को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरे।

Posted By: Inextlive