कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरियेंट के बढ़ते मरीजों के साथ थर्ड वेव आने की संभावनाओं को देखते हुए फ्राईडे को स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों का टेस्ट किया. कांशीराम अस्पताल सरसौल सीएचसी में मॉक ड्रिल कर कोरोना संक्रमितों के इलाज की तैयारियों को परखा गया. कांशीराम अस्पताल में जहां एडी हेल्थ डॉ.जीके मिश्र की निगरानी में मॉकड्रिल की गई. वहीं सरसौल सीएचसी में एसीएमओ की निगरानी में मॉकड्रिल हुई.साथ ही इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई जोकि शासन को भेजी जाएगी. मालूम हो कि कांशीराम अस्पताल में कोविड पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के लिए 100 बेड की व्यवस्था है. जिसमें आईसीयू के भी बेड भी हैं. वहीं सरसौल सीएचसी में 30 बेड की कोविड विंग संचालित की जाएगी.


कानपुर (ब्यूरो) मॉकड्रिल में देखा गया कि एक कोरोना संक्रमित के अस्पताल पहुंचने में उसके भर्ती होने से लेकर उसे ऑक्सीजन थेरेपी शुरू होने में कितना वक्त लगता है। इसके बाद पेशेंट का ट्रीटमेंट कैसे शुरू होगा। उसके वाइटल्स चेक करने से लेकर वार्ड में शिफ्ट होने में कितना वक्त लगेगा। सभी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता पेशेंट लोड के हिसाब से क्या रहती है। इसे भी मॉकड्रिल में एनालाइज कर आगे के लिए तैयारियों को और पुख्ता किया जाएगा।

Posted By: Inextlive