हाईवे पर खड़े वाहन लगा रहे जिंदगी पर ब्रेक
- ठंड और कोहरे के कारण हाईवे पर बिना इंडीकेटर खड़े होने वाले वाहन बन रहे हैं सड़क हादसों की वजह
-टोल कंपनियां सिर्फ टैक्स वसूल रहीं, सुरक्षा पर नहीं कोई ध्यान, स्थानीय पुलिस और आरटीओ भी जिम्मेदारKANPUR : सड़क हादसों में पूरे प्रदेश में नंबर वन का कलंक लिए शहर में ठंड और कोहरे के साथ एक्सीडेंट बढ़ने लगे हैं। ड्राइविंग के समय नींद, ओवरस्पीड, नशा, रॉन्ग साइड गाड़ी चलाना हादसे की बड़ी वजह हैं। लेकिन, साथ में हाईवे पर खड़े होने वाहन भी लोगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा रहे हैं। कानपुर में महाराजपुर से भौंती तक 53 किलोमीटर के नेशनल हाईवे पर कई जगह ऐसी हैं, जहां सड़क किनारे खड़े वाहन अक्सर मिल जाते हैं। दूर से ये नहीं पता चल पाता है कि वाहन चल रहा है कि रुका है? जब तक आगे वाले वाहन के करीब पीछे की गाड़ी पहुंचती है, तब तक देर हो चुकी होती है। आरटीओ या प्रशासन की तरफ ने ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
नहीं होती पेट्रोलिंगसबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर इन हादसों के लिए जिम्मेदार कौन है? मुख्य रूप से तो इन हादसों के लिए टोल टैक्स कंपनिया जिम्मेदार हैं लेकिन एनएचएआई, आरटीओ और जिला प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकता है। दरअसल टोल टैक्स पर जिस टैक्स की वसूली की जाती है। उसमें पैसेंजर सेफ्टी टैक्स भी जुड़ा होता है। इनकी जिम्मेदारी होती है कि हाईवे पर लगातार गश्त करें और खड़े वाहनों को हटवाएं। टोल टैक्स शुरू होने के पहले हाईवे पेट्रोलिंग और हर दस किलोमीटर पर एक क्रेन का इंतजाम करने की शर्त भी होती है। पेट्रोलिंग को दौरान वाहन में मौजूद कर्मचारी क्रेन में तैनात कर्मी को जानकारी देंगे और खराब वाहन को उचित स्थान पर पहुंचाया जाएगा।
कमजोर कानून का फायदा वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप शुक्ला के मुताबिक, इस तरह के हादसों में 279 और 304 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है। इन मामलों में थाने से ही खड़े खड़े जमानत हो जाती है। इस वजह से हादसों को अंजाम देने वालों को डर नहीं रहता। वहीं रसूख और दबंगई की वजह से लोग टोल टैक्स प्रबंधन को पार्टी नहीं बनाते हैं। हालांकि हाईवे पर वाहन खड़ा करना लापरवाही की श्रेणी में अाता है। 1: सड़क हादसे में मिहला की मौतमहाराजपुर थानाक्षेत्र स्थित ब्रम्हदेव बाबा के मंदिर के पास खड़े वाहन में बाइक टकरा गई। हादसे में एक महिला की मौत हो गई। जबकि दो लोग घायल हो गए। नरवल निवासी राजेंद्र कुशवाहा बाइक से अपनी साली लाली कुशवाहा और उनकी बेटी रितिका के साथ करिया खेड़ा उन्नाव रिश्तेदार के घर से आ रहे थे। ब्रम्ह देव मंदिर के सामने बाइक खड़े ट्रक में जा घुसी।
2: फ्लाईओवर पर हादसा, मौत मूल रूप से मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहने वाले कारोबारी परमार रावत के परिवार में पत्नी, चार बेटियां और दो बेटे हैं। थर्सडे सुबह वे अपने पार्टनर योगेश और पिकअप ड्राइवर कमल के साथ रामादेवी सब्जी मंडी में टमाटर बेचने जा रहे थे। नौबस्ता फ्लाईओवर पर पिकअप खड़े डीसीएम से जाकर भिड़ गया। हादसे में परमार की मौत हो गई। जबकि दो अन्य घायल हो गए। हाईवे पर इन स्थानों पर खड़े होते हैं वाहन - महाराजपुर ब्रम्हदेव बाबा का मंदिर - चकेरी फ्लाईओवर के पहले - रूमा में कार शोरूम के सामने - फ्लाईओवर पर रामादेवी के ऊपर - फ्लाईओवर पर नौबस्ता के ऊपर - फ्लाईओवर पर पनकी सेल के सामने - भौंती में ढाबों और छोटे होटलों के सामने क्या करना चाहिए - वाहन खड़े होने से 10 मीटर पहले रेडियम पट्टी वाला इंडिकेटर लगाना चाहिए - अगर रेडियम न हो तो आग जलाने का इंतजाम करना चाहिए।- वाहन खराब होने की जानकारी टोल टैक्स कर्मी, स्थानीय पुलिस या 112 नंबर पर देनी चाहिए।
- नियम के मुताबिक एक्सप्रेस वे या हाईवे पर वाहन रोकना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। - नेशनल हाईवे पर 20 मिनट से ज्यादा वाहन रोकना गैरकानूनी है। 53 किलोमीटर है हाईवे की सीमा 13 हादसे हो चुके हैं 2 महीने में 8 लोगों की हादसों में जान गई 13 लोग गंभीर रूप से घायल