अमरीकी चुनाव: दस मुद्दों पर जनता से सवाल
चुनाव के दौरान अमरीका के 38 राज्यों के लोग मतपत्र के ज़रिए 174 सवालों पर अपना मत ज़ाहिर करेंगे, जिन सवालों से जुड़े हैं ये दस अहम मुद्दे।
इसके प्रस्ताव के समर्थकों का मानना है कि इससे सरकार को कई लाख डॉलर का फायदा होगा वहीं विरोधियों का कहना कि मैरिजुआना खतरनाक है और इसे कानूनी मान्यता दिया जाना घातक है। मायने, मैरीलैंड, मिनेसोटा और वॉशिंगटन में चुनाव के दिन मतदाता समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर भी मतदान करेंगे।
मायने में मतदाताओं से पूछा जा रहा है कि क्या वो समलैंगिकों की शादी के पक्ष में हैं। अमरीका के 31 राज्यों में समलैंगिक विवाह पर रोक लगाई जा चुकी है जबकि नौ राज्यों ने इसे कानूनी मान्यता दे दी है।
3. जीएम फूडकैलिफोर्निया के मतदाता इस मुद्दे पर अपनी राय ज़ाहिर करेंगे कि अनुवांशिक रुप से परिवर्तित खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग पर इसके बारे में जानकारी लिखित रुप में मौजूद हो।कुछ लोगों का मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि किस खाद्य पदार्थ में अनुवांशिक बदलाव किए गए हैं। वहीं विरोधियों का कहना है इससे खाने की चीज़ों के दाम बढ़ेंगे और लोगों में यह भ्रम फैलेगा कि ये पदार्थ खाने के लिए उपयुक्त नहीं।गर्भपात का मुद्दा इन चुनावों में बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 1970 से लेकर अब तक इस मुद्दे पर 37 बार मतदान हो चुका है। इस साल मोनटाना में लोग यह तय करेंगे कि 16 साल से कम उम्र की लड़की अगर गर्भपात के लिए अस्पताल पहुंचे तो उसके माता-पिता को इसकी सूचना दी जाए।
फ्लोरिडा में लोग इस सवाल पर मतदान करेंगे कि गर्भपात के मामलों में लड़की की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाए या नहीं।बिजली उत्पादन के लिए नवीनीकृत ऊर्जा के इस्तेमाल के मुद्दे पर लोगों ने सकारात्मक मतदान किया तो 2025 तक मिशिगन की 25 फीसदी बिजली वैकल्पिक और नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों से आएगी। इस नियम को अमल में लाने लिए सरकार को संविधान में बदलाव करना पड़ेगा।
8. आत्महत्या में मददमैसेच्यूसेट्स के मतदाता इन चुनावों में यह तय करेंगे कि क्या डॉक्टरों को इस बात की इजाज़त हो कि वो लाइलाज बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों और ऐसे लोगों को इच्छा-मृत्यु दे सकें जो किसी भी हाल में छह महीने से अधिक जीने की अवस्था में नहीं। ओरेगॉन में इस तरह का एक प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है।अमरीका में कभी जुआ खेलना बुरा माना जाता था और उस पर कई नियम लागू थे लेकिन पिछले 30 साल में कई बदलाव हुए और राज्य सरकारें अब इसे पैसा कमाने का महत्वपूर्ण ज़रिया मानती हैं जो करों मे बढ़ोत्तरी के मुकाबले कम विवादास्पद है।
ओरेगॉन में मतदाताओं से पूछा जाएगा कि वो राज्य में जुआङरों पर लगी रोक को हटाना चाहते हैं या नहीं। समर्थकों का कहना कि इससे मिले धन को शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर खर्च किया जा सकता है। वहीं विरोधियों का मानना है कि इससे समाज में अपराध बढ़ेंगे।