महाराजपुर के सरसौल में इलाज के दौरान अस्पताल में गर्भवती की मौत से आक्रोशित परिजनों ने फतेहपुर-कानपुर हाईवे पर शव रखकर जाम लगा दिया. देखते ही देखते कई किलोमीटर तक हाईवे पर जाम लग गया. इस जाम में रोडवेज बसें भी फंसी और एंबुलेंस भी. सीओ सदर ने हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. सीओ के आश्वासन पर परिजन और स्थानीय लोग हाईवे से हटे.

कानपुर (ब्यूरो) सरसौल निवासी अमित कुशवाहा ने बताया कि उसकी 28 साल की पत्नी पूनम कुशवाहा 4 महीने की गर्भवती थी। पेट में दर्द होने के बाद पति अमित ने सरसौल में स्थित उमंग हॉस्पिटल की डॉक्टर अमिता सिंह से उपचार शुरू कराया। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा। पति के मुताबिक सरसौल स्थित नेशनल डायग्नोस्टिक सेंटर में महिला का अल्ट्रासाउंड कराया गया जिसमें बताया गया कि पेट में बच्चा मृत है। उसकी सफाई करवानी पड़ेगी।

अस्पताल प्रबंधन पर लगाया आरोप
पति ने बताया कि पेट की सफाई कराने के नाम पर उससे अस्पताल प्रबंधन ने दस हजार रूपए जमा करा लिए और महिला के पेट की सफाई कर दी। कई घंटे बाद भी महिला की हालत नहीं सुधरी। महिला की हालत बिगडऩे पर अस्पताल के डॉक्टरों ने हैलट रेफर कर दिया। हैलट लाते समय रास्ते में ही पूनम की मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक देर रात अस्पताल प्रबंधक ने समझौते के नाम पर मृतका कीदोनों बेटियों को दो-दो लाख रुपए देने की बात कही।

जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस
नेशनल हाईवे जाम होने की सूचना पर पहुंचे महाराजपुर थाना अध्यक्ष ने परिजनों से बात कर शांत कराना चाहा लेकिन परिजन आक्रोशित हो गए। उन्होंने पुलिस पर हमला करने का मन बना लिया। इसको देखते हुए लाइन से पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। हाईवे में कई किलोमीटर लंबा जाम लगने के बाद मौके पर पहुंचे सीओ सदर ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद जाम खुल सका।

Posted By: Inextlive