यूपी कैबिनेट का फैसला हादसे रोकने के लिए ‘एक्सीडेंट रिलीफ यूनिट’, सभी जिलों को मिलेगा लाभ
कानपुर(ब्यूरो)। यूपी में लगातार हो रहे हादसों को रोकने के लिए शासन स्तर से कवायद शुरू हो गई है। कैबिनेट में &एआरयू&य का थाना बनाने का प्रस्ताव पास हुआ है। &एआरयू&य यानी एक्सीडेंट रिलीफ यूनिट। प्रस्ताव पास होने के बाद कानपुर कमिश्नरेट में इस यूनिट का ऑफिस बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इस यूनिट में थाने की तरह ही स्टाफ रखा जाएगा। सारे जवान एसएसएफ के होंगे। इनका पूरा फोकस एक्सीडेंट के कारणों को जानकर उन्हें रोकने के लिए काम करने पर होगा।
रोड इंजीनियरिंग एक्सपर्ट
यूनिट में एक राजपत्रित अधिकारी यानी डिप्टी एसपी, दो इंस्पेक्टर, चार दारोगा, आठ सिपाही, चार महिला सिपाही रहेंगे। इसके अलावा हर जिले में दो लोग पीआर मेंटेन करने के लिए रखे जाएंगे। ये दो लोग विभाग के ही होंगे लेकिन एलआईयू की तरह काम करेंगे। साथ ही इस सेल में ऐसे लोग रखे जाएंगे, जिन्हें रोड इंजीनियरिंग का नॉलेज होगा। हादसे कैसे रोके जाएं? इस पर टैक्निकल और मैनुअल मंथन करने के बाद ये यूनिट काम करना शुरू करेगी।
इस तरह काम करेगी यूनिट
इस यूनिट में तैनात हर कर्मी को आम आदमी की जान कैसे बचानी है? इसकी ट्रेनिंग दी गई है। जिस जिले में इनकी तैनाती होगी, उस जिले के ब्लैक स्पॉट्स पर काम शुरू किया जाएगा। सबसे पहले उन स्थानों को यूनिट के लोग चिन्हित करेंगे जहां पूरे जिले में हादसे होते हैं। इन स्पॉट्स पर हादसे क्यों होते हैं? इस पर चिंतन किया जाएगा। रोड इंजीनियरिंग, रॉन्ग साइड, तेज रफ्तार, खराब सडक़, जेड, वी और सी कर्व, बेवजह बने स्पीड ब्रेकर, टेबल टॉप ब्रेकर, रम्बल स्ट्रिप समेत तमाम हादसे की वजह बनने वाले कारणों पर चर्चा की जाएगी। इस यूनिट को केडीए, नगर निगम, नेशनल हाईवे और प्रशासन के साथ पीडब्ल्यूडी का भी सहयोग मिलेगा।
हाईवे पर लगेंगे एंटी फॉग इक्विपमेंट
यूनिट का ऑफिस देखने आए डिप्टी एसपी सर्वेंद्र कुमार ने बताया कि यूनिट का मुख्य उद्देश्य हाईवे पर होने वाले बड़े हादसों को रोकना होगा। शहर के जितने भी ब्लैक स्पॉट्स हैं या जहां हादसे ज्यादा होते हैं उन स्थानों का सर्वे कर सभी विभागों के साथ बैठक की जाएगी। उसके बाद हादसे रोकने के उपाय किए जाएंगे। खराब सडक़ और खराब मौसम के साथ रॉन्ग साइड से आने वाले व्हीकल्स से होने वाले हादसों पर पूरी तरह से लगाम लगाई जाएगीं। एंटी फॉग इक्विटमेंट लगाए जाएंगे। ट्रैफिक विभाग के साथ कोऑर्डिनेट कर पहले लोगों को नियम कायदे से चलने की आदत डालनी है। इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस की मदद तो लेनी होगी साथ ही एनजीओ भी इसमें यूनिट की मदद करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि कानपुर कमिश्नरेट इलाके में सडक़ें बहुत खराब हैं। लगभग दो महीने बाद यूनिट काम शुरू कर देगी। सबसे पहले उन स्थानों को देखा जाएगा, जहां सडक़ें खराब हैं। संबंधित विभाग की मदद से रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। सडक़ों की मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी। अधिकारियों का मानना है कि कम से कम छह महीने यूनिट को होमवर्क करने में लगेंगे लेकिन भविष्य में हादसे न के बराबर होंगे। हादसों में होने वाली मौतों में कानपुर नंबर वन
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट यूपी में होते हैं। वहीं हादसों में होने वाली मौतों के मामले में कानपुर नंबर वन है। कमिश्नरेट की बात की जाए तो जनवरी से लेकर जून 2023 तक 99 हादसे हुए। जिसमें 61 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और 28 लोग दिव्यांग हो गए।
कमिश्नरेट में हुए हादसों की संख्या (2023)
महीना हादसे मृत अंग भंग
जनवरी 18 11 4
फरवरी 16 9 6
मार्च 11 6 3
अप्रैल 14 8 6
मई 18 13 4
जून 22 14 6
प्रशांत कुमार, स्पेशल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर