क्या आपके घर की बोरिंग 200 फीट से कम है? अगर हां तो आप जो पानी पी रहे हैं वो खतरनाक हो सकता है. पिछले दिनों शहर के कई इलाकों से लगातार डायरिया के मरीज सामने आ रहे थे. जांच में धनुकाना आनंद विहार ग्वालटोली मकबरा बर्रा का हरदेव नगर समेत कई इलाकों के पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया की पुष्टि हुई थी. इसके अलावा कई क्षेत्रों के बोरिंग व हैंडपंपों के पानी में खतरनाक यूरेनियम की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई. ऐसे में अब भूगर्भ जल विभाग अब कई मोहल्लों में 200 फीट गहराई तक के पानी को स्वास्थ्य के लिए दूषित मानकर चल रहा हैं.

कानपुर(ब्यूरो)। क्या आपके घर की बोरिंग 200 फीट से कम है? अगर हां तो आप जो पानी पी रहे हैं वो खतरनाक हो सकता है। पिछले दिनों शहर के कई इलाकों से लगातार डायरिया के मरीज सामने आ रहे थे। जांच में धनुकाना, आनंद विहार, ग्वालटोली मकबरा, बर्रा का हरदेव नगर समेत कई इलाकों के पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा कई क्षेत्रों के बोरिंग व हैंडपंपों के पानी में खतरनाक यूरेनियम की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई। ऐसे में अब भूगर्भ जल विभाग अब कई मोहल्लों में 200 फीट गहराई तक के पानी को स्वास्थ्य के लिए दूषित मानकर चल रहा हैं। साथ ही ऐसी योजना लाने की तैयारी की जा रही, जिसमें लोगों को 200 फीट से ज्यादा बोरिंग कराने की सलाह दी जाएगी।

150 से 170 फीट बोरिंग
भूगर्भ जलविभाग के मुताबिक, पिछले दिनों कई जगहों पर हैंडपंप व बोरिंग के पानी में हानिकारक केमिकल पाया गया था। कानपुर में अलग अलग एरिया में वाटर लेवल के हिसाब से लोग बोरिंग तो कराते हैं, लेकिन अधिकतर जगहों पर यह बोरिंग 200 फीट से कम है। जानकारी के मुताबिक, ज्यादातर जगहों पर औसतन 150 से 170 फीट के आसपास बोरिंग कराई गई है। जांच में कई मोहल्लों का पानी दूषित पाया गया है। ऐसे में अब लोगों को चाहिए कि बोरिंग कराते वक्त 200 फीट से अधिक गहराई की बोरिंग कराएं। ताकि पीने का पानी स्वस्छ मिल सके।

आज होगी पानी की जांच
पिछले दिनों देहली सुजानपुर, रावतपुर, कल्याणपुर, कूष्णापुरम, गांधीग्राम, चकेरी, नवीन नगर समेत अन्य जगहों पर पानी में यूरेनियम की मात्रा मानक (30 माइक्रोग्राम प्रति लीटर) से ज्यादा मिली थी। इससे निपटने के लिए डीएम विशाख जी के सहयोग से केंद्रीय भूगर्भ जल विभाग और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम शहर आएगी और सोमवार को विभिन्न मोहल्लों से पानी के दो-दो सैंपल लेगी। जिसे लखनऊ स्थित लैब भेजकर इसपर स्टडी की जाएगी। पता लगाया जाएगा कि पानी में यूरेनियम किस कारण पाया गया है।

हैंडपंप करवाए गए बंद
अक्टूबर महीने में शहर के आठ क्षेत्रों के हैंडपंपों के पानी में खतरनाक यूरेनियम की मात्रा मानक से ज्यादा मिलने पर डीएम विशाख जी के आदेश पर चकेरी, कल्याणपुर और काकादेव में हैंडपंपों को बंद कर दिया गया था। इन क्षेत्रों में नगर निगम को टैंकर से पानी की आपूर्ति की गई। इनमें ज्यादातर हैंडपंप की बोरिंग 150 फुट के आसपास थी। ऐसे में अब बोरिंग 200 फुट से अधिक कराने की नई रणनीति लाई जा रही है।

क्या है आपके एरिया का वाटर लेवल
एरिया-------- अंडरग्र्राउंड वाटर (मीटर)
आवास विकास 16.25
नवाबगंज 25.80
कल्याणपुर 24.00
दीनदयाल नगर 23.63
रतनपुर पनकी 7.68
कालपी रोड 30.00
गुजैनी अंबेडकर नगर 16.05
हंसपुरम 16.40
गंगापुर नवीन 14.20
अहिरवां 18.50
चकेरी 12.23
किदवई नगर 22.80

हाईलाइट्स
- 110 वार्डो के पानी की होगी जांच
-200 फीट से अधिक गहराई की बोरिंग सलाह
-08 मोहल्लों के हैंडपंप करवाए गए थे बंद
-150 से 180 फीट गहराई तक ज्यादातर बोरिंग
- 29 इलाकों से लिए गए थे पानी के सैंपल

सिटी में कुछ जगहों पर 200 फीट से कम गहराई के पानी में मानक से अधिक यूरेनियम की मात्रा, ई कोलाई बैक्टीरिया पाए गए हैं। सभी वार्डो में ग्र्राउंड वाटर की जांच की जाएगी। जिससे लोगों को अवेयर किया जा सके और जरूरी कदम उठाए जा सकें।
डॉ। अविरल सिंह, वैज्ञानिक, भूगर्भ जल विभाग

Posted By: Inextlive