चाचा अम्मा मुझे माफ करना मैं अपना वादा पूरा नहीं कर सका. ये बात लिख बर्रा आठ निवासी 40 साल के फैक्टरी कर्मी मोहित उर्फ भूपेंद्र ने मंगलवार देर शाम फांसी लगाकर जान दे दी. वहीं कर्नलगंज में निजी कंपनी में काम करने वाले युवक ने डिप्रेशन में आकर फांसी लगा ली. परिजनों ने कंपनी मालिक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

(कानपुर ब्यूरो) मूलरूप से फतेहपुर के लालपुर निवासी मोहित उर्फ भूपेंद्र पत्नी सतरूपा और तीन साल की बेटी गौरी संग बर्रा आठ में किराए के मकान में रहते थे। वह दादानगर स्थित एक प्रतिष्ठित गुटखा कंपनी में काम करते थे। भाई राहुल ने बताया कि तीन माह पहले गौरी की तबीयत खराब होने पर उन्होंने पत्नी सतरूपा की ज्वैलरी गिरवी रखकर बेटी का इलाज कराया था। 9 फरवरी का परिवार में एक शादी समारोह है। जिसके चलते सतरूपा ने मोहित से गहने लाने की बात कही थी। जिसे लेकर मंगलवार को दोनों में कहासुनी हो गई थी। कुछ देर बाद मोहित ने फांसी लगाकर जान दे दी। थानाप्रभारी दीनानाथ मिश्रा ने बताया कि मृतक के पास सुसाइड नोट मिला। जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

धोखाधड़ी से परेशान होकर
कर्नलगंज के मकराबर्टगंज निवासी 39 साल के प्राइवेट कर्मी अमर सिंह ने डिप्रेशन के चलते फांसी लगाकर जान दे दी। बुधवार सुबह उनका शव पंखे के कुंडे में मफलर से सहारे लटकता मिला। भाई बलवान सिंह ने बताया कि अमर पिछले नौ साल से 80 फीट रोड स्थित एक टाइल्स की फर्म में काम करते थे। तीन महीने पहले दुकान मालिक ने उनसे आधार कार्ड, पेनकार्ड, समेत अन्य दस्तावेज मांगे। इसके बाद उन्हें काम से निकाल दिया। हाल ही में एक फाइनेंस कंपनी की ओर से उनके पास एक थैंक्यू लेटर आया। जिसमें उनके नाम से एक कार व बाइक फाइनेंस होने की बात लिखी गई थी। वह फर्म मालिक के पास पहुंचे। मालिक ने जनवरी के लास्ट तक कार व बाइक का सेलटमेंट करने का आश्वासन दिया था, लेकिन नहीं हो सका। बुधवार सुबह उनका शव फंदे पर लटकता मिला। थानाप्रभारी बलराम मिश्रा ने बताया कि तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive