डेली डैमेज हो रहे दो ट्रांसफार्मर, फरवरी में टूटेगा रिकॉर्ड
कानपुर (ब्यूरो)। गर्मी में पॉवर कट की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए एक साइड केस्को मेंटीनेंस ड्राइव चला रहा है, वहीं दूसरी ओर ट्रांसफार्मर डैमेज होते जा रहे हैं। फरवरी में अब तक 21 ट्रांसफार्मर डैमेज हो चुके हैं। जिससे हजारों कानपुराइस को जबरदस्त पॉवर क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है। फरवरी में अब तक डैमेज हुए ट्रांसफार्मर्स की संख्या बीते अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर के मुकाबले एक महीने में सबसे अधिक हैं। पिछले महीने यानि पूरी जनवरी में 21 ट्रांसफार्मर डैमेज हुए थे। फिलहाल ट्रांसफार्मर डैमेज होने की जो स्पीड है, उससे साफ है कि फरवरी में पिछले मुकाबले अधिक ट्रांसफार्मर डैमेज होना तय है।
मेंटीनेंस मंथ में खास फोकस
ट्रांसफार्मर डैमेज होने की स्पीड को रोकने के लिए पिछले वर्षो में सबसे अधिक ध्यान नए डिस्ट्रिब्यूशन टीएफ लगाए गए। इसी वजह से सिटी में डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर्स की संख्या बढक़र 7 हजार के पार हो चुकी है। इधर फरवरी को केस्को मेंटीनेंस मंथ के रूप में मना रहा है। इसमें सबसे अधिक फोकस डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर पर है। ट्रांसफार्मर के लग, लीड, ऑयल, लोड डिस्बैलेंसिंग आदि की चेकिंग कर वीक प्वाइंट्स को सही किया जा रहा है।
डिमांड कम फिर भी धड़ाम
ठंड कम होने से इन दिनों पॉवर की डिमांड खासी कम है, इसी वजह से लगातार लोड 500 मेगावॉट से कम चल रहा है। बावजूद इसके फरवरी की शुरूआत होते ही ट्रांसफार्मर डैमेज होने की स्पीड बढ़ गई। केस्को की रिपोर्ट के मुताबिक शुरूआती 7 दिनों में ही ट्रांसफार्मर डैमेज हो गए थे। इससे केस्को इम्प्लाइज में अफरातफरी मच गई। ट्रांसफार्मर डैमेज होने पर केस्को ऑफिसर्स ने संबंधित जूनियर इंजीनियर्स को शोकॉज नोटिस जारी करना शुरू कर दिया। अब तक एक दर्जन से अधिक जेई को नोटिस जारी हो चुके हैं। शायद यही वजह है कि अब ट्रांसफार्मर के डैमेज होने की रफ्तार काफी थमी है। बावजूद इसके अब तक 21 ट्रांसफार्मर डैमेज हो चुके हैं।
फरवरी में सबसे अधिक 4 ट्रांसफार्मर फूलबाग डिवीजन के डैमेज हुए। दूसरे नंबर पर इंडस्ट्रियल एरिया वाला डिवीजन दादा नगर व नौबस्ता डिवीजन है। इन दोनों डिवीजनों में 3-3 ट्रांसफार्मर डैमेज हुए। वहीं तीसरे नम्बर पर कल्याणपुर डिवीजन रहा, जहां 2 ट्रांसफार्मर डैमेज हुए। कुल मिलाकर फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में अब तक 335 ट्रांसफार्मर डैमेज हो चुके हैं, जो कि पिछले तीन फाइनेंशियल ईयर्स में सबसे अधिक है।