टेलीकॉम इंडस्ट्री देगा अगले 5 साल में 1 करोड़ नौकरियां
टेलीकॉम में 1.4 करोड़ रोजगार के मौकेनई दिल्ली (प्रेट्र)। टीएसएससी के सीईओ एसपी कोच्चर ने पीटीआई से एक साक्षात्कार में कहा कि पांच सालों में टेलीकॉम सेक्टर में 40 लाख लोगों की नियुक्ति होगी। इस क्षेत्र में टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग के साथ ही 1.43 करोड़ रोजगार के मौके मिलेंगे। सीआईईएल एचआर की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक वर्ष में इस सेक्टर से 40 हजार लोग बेरोजगार हुए हैं। यह स्थिति अगले 6 महीने से 9 महीने तक जारी रहेगी, तब तक टेलीकॉम सेक्टर से कुल 80 से 90 हजार लोगों की नौकरियां जा चुकी होंगी।निर्माण की होगी बाढ़, मौके होंगे बेशुमार
नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के तहत टीएसएससी के कोच्चर ने कहा कि मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन जैसी तकनीकों के सामने आने पर इस सेक्टर में रोजगार के और मौके सामने आने की उम्मीद है। इससे सेक्टर की कंपनियों में टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं के कारण कर्मचारियों की मांग बढ़ेगी। कोच्चर ने कहा कि हम साफ तौर पर देख रहे हैं कि देश में मैन्युफैक्चरिंग में डिमांड बढ़ने वाली है। इससे टेलीकॉम सेक्टर में दक्ष कर्मियों की जरूरत होगी। उम्मीद है कि इस सेक्टर में 1.42 करोड़ नौकरियां मिलेंगी।उद्योग के लिए कर रहे हैं लोगों को तैयार
कोच्चर ने कहा कि टीएसएससी उद्योगों की डिमांड के अनुसार राष्ट्रीय व्यवसायिक दक्षता मानकों के तहत प्रशिक्षण देकर लोगों को तैयार कर रहे हैं। साथ ही हमने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि साधारण प्रशिक्षण की बजाए हम आने वाले टेलीकॉम डिमांड के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था करें और ऐसे हुनरमंद तैयार करें जो इस उद्योग की जरूरत को पूरा कर सकें। टेलीकॉम सेक्टर में इस बात का डर है कि विस्तार के वक्त उन्हें हुनरमंद कामगार न मिले तो काफी संघर्ष करना पड़ेगा। दक्ष लोगों को उपलब्ध करवाकर हम उनका यह डर दूर करना चाहते हैं ताकि वे बेहिचक विस्तार करें और रोजगार के मौके पैदा हों।टीएसएससी पैदा करेगा टेलीकॉम के हुनरमंद
कोच्चर ने कहा कि टीएसएससी इस सेक्टर के लिए बेहतर हुनरमंद पैदा करने के लिए निवेश करने को तैयार है। उम्मीद है कि आने वाले समय में टीएसएससी कामगारों को दक्षता प्रदान करने का एक बेहतरीन केंद्र होगा, जो टेलीकॉम सेक्टर में काम करने के लिए तकनीकी लोगों को तैयार करेगा। टावर कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है। हम मिलकर प्रशिक्षण केंद्र खोलेंगे। वे हमें कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत उपकरण मुहैया कराएंगे। अगले एक वर्ष में इन केंद्रों में हम टावर टेक्नीशियन तैयार करेंगे, जो टॉवर कंपनियों में काम करने के लिए तैयार होंगे।