लेटलतीफी पड़ी भारी, भरना पड़ा 5.4 करोड़ इंट्रेस्ट
कानपुर(ब्यूरो)। ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी उन्नाव में एलॉटीज के साथ वादाखिलाफी यूपीसीडा को भारी पड़ी है। यूपी-रेरा के बाद उत्तर प्रदेश भू संपदा अपील ट्रिब्यूनल ने भी एलॉटीज के पक्ष में फैसला दिया है। तीन अलग-अलग मामलों में यूपीसीडा(उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की 44 आपत्तियां खारिज कर दी हैं। अब यूपीसीडा के आवंटियों को 5.4 करोड़ रुपये का ब्याज वापस मिलेगा। यह धनराशि यूपीरेरा के जरिए एलॉटीज को वापस मिलेगी।
पहले यूपीरेरा से शिकायत
ट्रांसगंगा सिटी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक द्विवेदी के मुताबिक यूपीसीडा ने दो हिस्सों में प्लॉट्स का आवंटन देने की बात कही थी। यह आवंटन दिसंबर 2016 और मार्च 2017 में होना था लेकिन आवंटन में लगातार देरी की गई। 2019 में एसोसिएशन ने इस मामले में अपनी लड़ाई शुरू की। एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथारिटी में अपनी शिकायत की। यूपीरेरा ने एसोसिएशन के सदस्यों के पक्ष में फैसला दिया था।
44 अपीलें की खारिज
यूपीसीडा इस मामले में ट्रिब्यूनल में चला गया। अध्यक्ष दीपक द्विवेदी के मुताबिक यूपीसीडा ने वहां 44 अपीलें दाखिल कीं। अब ट्रिब्यूनल ने सभी अपील खारिज कर दी हैं। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल के लखनऊ पीठ के चेयरमैन देवेन्द्र कुमार अरोड़ा ने सदस्यों के पक्ष में प्लॉट पर कब्जा दिए जाने की वास्तविक तिथि तक करीब नौ प्रतिशत ब्याज देने के निर्देश दिए हैं। दीपक द्विवेदी के मुताबिक 44 सदस्यों की ब्याज की यह राशि करीब 5.4 करोड़ रुपये है। यह राशि यूपी-रेरा के पास जमा है और वह सीधे आवंटियों को राशि देगा।