दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों को मिली रफ्तार
कानपुर (ब्यूरो) मुंबई और लखनऊ रूट की मालगाडिय़ां अभी भी यात्री ट्रेनों की रफ्तार में बाधक हैं। झांसी की ओर से आने वाली मालगाड़ी काफी देर तक गोङ्क्षवदपुरी व सेंट्रल स्टेशन के आउटर पर खड़े रहने से पैसेंजर ट्रेनें फंसती हैं.प्रति दिन इनकी संख्या भी लगभग 100 के आसपास रहती है। साथ ही अनवरगंज, सीपीसी माल गोदाम भेजी जाने वाली मालगाड़ी भी कई बार ट्रेनों के फंसने का कारण बनती हैं।
भविष्य में आएगी और बेहतरीडीएफसी पर अभी गाजियाबाद के न्यू दादरी से मिर्जापुर के न्यू चुनार जंक्शन तक ही मालगाडिय़ों का संचालन हो रहा है। इनका संचालन हावड़ा तक शुरू हो जाने के बाद और बेहतरी आएगी। लखनऊ रूट पर गंगा ब्रिज बायां किनारा, पनकी धाम रेलवे स्टेशन के अमृत भारत योजना के तहत विस्तारीकरण के बाद और बेहतरी आएगी। जूही यार्ड जंक्शन के अस्तित्व में आने का भी फर्क पड़ेगा।
खास तथ्य
-756 मालगाडिय़ां और पैसेंजर ट्रेनें मिलाकर बीते महीने समय से गुजारी गईं।
-426 यात्री ट्रेनों की अधिकतम प्रतिदिन की संख्या रही, जो बेहतर चलीं।
-130 किमी की रफ्तार में यात्री ट्रेनें और 100 की रफ्तार से मालगाड़ी दौड़ी
-7.8 प्रतिशत माल ढुलाई में भी वृद्धि हुई है, जिससे राजस्व में इजाफा होगा।
-100 से अधिक मालगाडिय़ां डीएफसी पर शिफ्ट की गई हैं।
-हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे।