सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में क्लास 6 से 8 तक के स्टूडेंट्स को एकेडमिक के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर परफेक्ट किया जाएगा. इनकी स्टडी भी कराई जाएगी. स्टूडेंट्स को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एआई से लेकर ब्यूटी एंड वेलनेस ट्रैवल एंड टूूरिज्म और हैैंडीक्राफ्ट से राकेट्स तक की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस काम के लिए सीबीएसई के डायरेक्टर स्किल एजूकेशन डॉ. बिस्वजीत साहा ने 33 स्किल मॉड्यूल्स का सर्कुलर जारी कर दिया है. एक अप्रैल से शुरू हुए न्यू सेशन में स्टूडेंट्स को न्यू एजूकेशन पॉलिसी के तहत इन मॉड्यूल्स के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी.

कानपुर (ब्यूरो) न्यू एजूकेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों में कुछ दिन बैगलेस किया जाने का प्रावधान है। उन दिनों में स्टूडेंट्स स्कूल्स में बिना बैग के आएंगे। सर्कुलर में बैगलेस डेज, विंटर ब्रेक, ऑटम ब्रेक या समर ब्रेक वाले वोकेशन के दिनों मेें इन स्किल मॉड्यूल्स को पूरा कराने की सलाह दी गई है। इन मॉड्यूल्स को स्टार्ट करने के लिए स्कूलों को सीबीएसई को कोई फीस नहीं देनी होगी।
स्कूल और स्टूडें़ट को फ्रीडम
सीबीएसई की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूल किसी भी सर्कुलर को सेलेक्ट कर सकता है। इसके अलावा एक सेशन में स्टूडेंट भी एक से ज्यादा मॉड्यूल्स को सलेक्ट करने के लिए फ्री है। लेकिन एक से ज्यादा मॉड्यूल को सेेलेक्ट करने के लिए प्रेशर नहीं दिया जा सकता है।
टीचर्स को करें एप्वाइंट
इन मॉड्यूल्स को पढ़ाने के लिए स्कूल्स नए टीचर्स को भर्ती कर सकता है या फिर मौजूदा टीचर्स को ही मॉड्यूल ट्रेनिंग के लिए एप्वाइंट कर सकता है। इसके अलावा स्किल मॉड्यूल को हॉबी क्लब या इनोवेशन क्लब से पेश किया जा सकता है। इसके अलावा स्कूल हब ऑफ लर्निंग या स्किल हब से भी मॉड्यूल प्रेजेंट किया जा सकता है।
70 परसेंट प्रैक्टिकल कंपलसरी
एक मॉड्यूल 12 से 15 घंटे का होगा, जिसको कई वर्किंग डेज में पूरा कराया जाना है। एक मॉड्यूल में 70 परसेंट पार्ट प्रैक्टिकल और 30 परसेंट थ्योरी का रहेगी।


यह हैैं मॉड्यूल्स
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), ब्यूटी एंड वेलनेस, डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन, फाइनेंशियल लिट्रेसी, हैैंडीक्राफ्ट, इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, मास मीडिया - बीइंग मीडिया लिट्रेट, ट्रैवल एंड टूरिज्म, कोडिंग, डाटा साइंस, वर्चुअल रियलिटी, डिजिटल सिटीजनशिप, लाइफ साइकिल आफ मेडिसीन एंड वैक्सीन, थिंग्स यू शूड नो एबाउट कीपिंग मेडिसिंस एट होम, वॉट टू डू वेन डॉक्टर इज नॉट एराउंड, ह्यूमैनिटी एंड कोविज 19, ब्लू पॉट्री, पॉट्री, ब्लॉक प्रिंटिंग, फूड, फूड प्रिजर्वेशन, बैकिंग, हर्बल हेरिटेज, खादी, मास्क मेकिंग, मास मीडिया, मेकिंग ऑफ ए ग्राफिक नॉवेल, कश्मीरी इंब्रॉइडरी, इंब्रॉइडरी, रॉकेट्स, सैटेलाइट एंड एप्लीकेशन ऑफ सैटेलाइट।

मॉड्यूल में बहुत अच्छे अच्छे कोर्स है। मेडिसिन और फूड समेत कुछ कोर्स ऐसे हैैं, जिनकी जानकारी होना हर किसी के लिए जरूरी है। स्टूडेंट्स का एकेडमिक के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट होना भी जरूरी है।
बलविंदर सिंह, सीबीएसई कोआर्डिनेटर

एक निर्धारित पैटर्न पर स्टडी होने से स्टूडेंट लिमिटेड ही सीख पाता है। लेकिन जब बात स्किल डेवलपमेंट की होती है तब हम स्टूडेंट को कई तरह से डेवलप करते हैैं। इस सेशन में कुछ मॉड्यूल्स को स्कूल में लागू किया जाएगा। यह मॉड्यूल्स स्टूडेंट को हायर एजूकेशन में हेल्प करेंगे।
पुनीता टुटेजा, प्रिंसिपल, डॉ। वीरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल, कल्याणपुर

सीबीएसई की ओर से मॉड्यूल्स मेें जिन कोर्सों को लाया गया है, वह स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल लाइफ के लिए रेडी करेंगे। स्कूल्स कुछ मॉड्यूल्स को तो इसी सेशन से स्कूल में लागू कर देंगे। एनईपी के चलते इनका अप्लाई होना जरूरी था।
कृष्ण कुमार दुबे, महामंत्री, कानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन

Posted By: Inextlive