कैमरे से तो बच जाएंगे टै्रैफिक कर्मियों से नहीं
- आईटीएम सिस्टम खराब होने से चौराहों में तैनात टीएसआई और हेड कांस्टेबलों को दिया गया चालान का टारगेट
- 5 दिनों में ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों पर कार्रवाई का आंकड़ा बढ़ा, टाटमिल चौराहे पर डेली 150 से अधिक चालान हाईलाइटर्स 02 वर्षो से करोड़ों की लागत से बना आईटीएसएस खराब पड़ा हुआ था 30 चालान टीएसआई को अपनी ड्यूटी के दौरान डेली करने का मिला टारगेट 20 चालान हेड कांस्टेबल मोबाइल से करके आईटीएमएस को भेजेंगेKANPUR: सिटी के ट्रैफिक को हाईटेक बनाने के लिए करोड़ों की लागत से बनाए गया आईटीएमएस दो सालों से खराब पड़ा है। वाहना चालकों की गलतियों रिकॉर्ड करने के लिए चौराहों पर लगे कैमरे काम करना बंद कर चुके हैं। हालांकि अगर आप सोच रहे हैं कि इसका फायदा उठाकर ट्रैफिक रूल्स का वॉयलेशन कर आप चालान से बच जाएंगे तो ऐसा मत करिएगा। दरअसल, इन आईटीएमएस को जीवनदान देने का काम चौराहों पर तैनात टीएसआई और हेड कांस्टेबल करेंगे। क्योंकि इन्हें चालान का टारगेट दे दिया गया है।
डेली चालान का दिया टारगेटट्रैफिक डिपार्टमेंट के आफिसर्स ने टीएसआई और हेड कांस्टेबल को डेली चालान का टारगेट दे दिया है। इसके तहत एक टीएसआई अपनी ड्यूटी के दौरान 30 व हेड कांस्टेबल 20 चालान मोबाइल से कर आईटीएमएस को भेजेंगे। सोर्सेस के मुताबिक चालान से डिपार्टमेंट को जुर्माने के तौर पर मिलने वाली राशि को आईटीएमएस सिस्टम को सुधारने व पहले से और बेहतर बनाने में लगाया जाएगा। जिससे कानपुराइट्स को ट्रैफिक समस्या फेस नहीं करनी पड़ेगी।
डेली दो हजार से अधिक चालान ट्रैफिक अधिकारियों के दिए गए टारगेट के बाद बीते पांच दिनों से कानपुर में बाइक चालान की संख्या लगभग दो गुनी हो गई है। बीते पांच दिनों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो डेली लगभग दो हजार से अधिक चालान हो रहे है। जिसमें 80 परसेंट से अधिक चालान सिर्फ बाइक के है। सोर्सेस के मुताबिक इन दिनों बाइक ड्राइ¨वग के दौरान हेलमेट का यूज न करने वाले व बाइक में तीन सवारी बैठाने वालों पर सख्ती की जा रही है। टाटमिल चौराहे पर डेली दो शिफ्ट में 150 से अधिक चालान किए जा रहे हैं। 32 करोड़ से बनाया गया था आईटीएमएससिटी के ट्रैफिक सिस्टम को चंडीगढ़ सिटी जैसा हाइटेक बनाने के लिए सिटी के 63 चौराहों को ऑटोमैटिक सिग्नल से लैस कर ट्रैफिक लाइन में बनाए गए आईटीएमएस से कनेक्ट किया था। इसमें 2 चौराहों को सुपर मॉडल का दर्जा दिया गया था। वहीं 10 चौराहों को मॉडल चौराहे का दर्जा दिया था। जिनकी पल-पल की निगरानी आईटीएमएस कंट्रोल रूम से की जाती थी। दो सुपरमॉडल चौराहों पर ऑटोमैटिक सेंसर युक्त चालान सिस्टम लगाया गया था। जो कुछ दिनों के बाद मेंटीनेंस के आभाव के कारण बंद पड़ गए थे। बीते दो सालों से आईटीएमएस दो सप्ताह पूर्व तक पूर्ण रूप से बंद पड़ा था।
पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद हुआ शुरू सिटी में पुलिस कमिश्नरेट लागू होने के बाद ट्रैफिक डिपार्टमेंट के बनाए गए नए डीसीपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने सिस्टम में सुधार लाने के लिए आईटीएमएस को शुरू कराया। फिलहाल वर्तमान में टाटमिल समेत आधा दर्जन चौराहों में आईटीएमएस कंट्रोल रूम से निगरानी करने के साथ ही ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया की आईटीएमएस के माध्यम से अभी चौराहों में स्टॉप व रेड सिग्नल रूल्स तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। बीते पांच दिनों के चालान के आंकड़े दिन टोटल चालान 14 मई 2321 15 मई 1910 16 मई 1822 17 मई 2217 18 मई 2392