बिना डॉक्टर की सलाह के दवा खाने का नतीजा एक बार फिर घातक साबित हुआ. बिधनू सागरपुरी स्थित एक मेडिकल स्टोर से पेट दर्द की दवा खाने से लोडर चालक की तबीयत बिगड़ गई. परिजनों ने चालक को फौरन ह्रदय रोग संस्थान में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. लोडर चालक की मौत से परिवार में हडक़ंप मच गया. परिजनों ने मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ बिधनू थाने में तहरीर दी है.

कानपुर (ब्यूरो) सागरपुरी निवासी लोडर चालक 25 साल के अरुण कुमार भारद्वाज बीते सोमवार की रात काम से घर लौटे थे। पत्नी रूबी ने बताया कि उन्हें अचानक पेट में दर्द शुरू हुआ। इस पर वे पास में स्थित एक मेडिकल स्टोर में जाकर पेट दर्द की दवा ले आईं। मेडिकल स्टोर संंचालक ने पांच गोलियां दीं और बोला कि पानी से खिला देना। उन्होंने घर पहुंचकर अरुण को पांच गोलियां खिला दीं।

खाते ही बिगड़ी तबीयत
गोली खाने के बाद अरुण की तबीयत बिगड़ गई। वह तुरंत मेडिकल स्टोर संचालक को लेकर घर आई। संचालक ने अस्पताल ले जाने को बोला। आसपास के नर्सिंगहोम में डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया। जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें ह्रदय रोग संस्थान ले गए। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आरोप है कि मेडिकल स्टोर से संचालक ने परिवार की आर्थिक मदद का भरोसा दिलाकर शव का अंतिम संस्कार करा दिया।

मदद से कर दिया इन्कार
अंतिम संस्कार के बाद मेडिकल स्टोर संचालक ने मदद से इन्कार कर दिया। मृतक के बहनोई रविशंकर ने मंगलवार को थाने में मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ तहरीर दी है। थाना प्रभारी सतीश राठौर ने घटना की जानकारी से इन्कार करते हुए कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

आरोपी घर छोडक़र फरार
सनसनी फैलाने वाली इस वारदात में शव के अंतिम संस्कार के बाद मेडिकल स्टोर संचालक घर से परिवार समेत फरार हो गया। परिजनों ने बताया कि थाना पुलिस किसी भी हालत में उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। उन्होंने सोचा था कि लोडर चालक की मौत के बाद मदद मिलने से परिवार को कुछ सहारा हो जाएगा, लेकिन वह भी नहीं मिला। पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

Posted By: Inextlive