सैटरडे को लोहड़ी का जश्न मनाया जाएगा. लोहड़ी को लेकर फ्राईडे को सिख फैमिलीज के लोग जोर-शोर से तैयारियों में जुटे रहे. हर कोई अपने अपने स्तर से इस फेस्टिवल को धूमधाम से सेलीब्रेट करने के लिए तैयार है. कहीं डीजे लगेगा तो कही ढोल की थाप पर गिद्दा और भांगड़ा करके धूम मचाई जाएगी.

कानपुर (ब्यूरो)। सैटरडे को लोहड़ी का जश्न मनाया जाएगा। लोहड़ी को लेकर फ्राईडे को सिख फैमिलीज के लोग जोर-शोर से तैयारियों में जुटे रहे। हर कोई अपने अपने स्तर से इस फेस्टिवल को धूमधाम से सेलीब्रेट करने के लिए तैयार है। कहीं डीजे लगेगा तो कही ढोल की थाप पर गिद्दा और भांगड़ा करके धूम मचाई जाएगी। सिटी के कई अपार्टमेंट फ्लैट्स में लोहड़ी उत्सव आयोजित किया गया है। यहां रहने वाली सिख फैमिलीज ने एक जगह पर धूमधाम से लोहड़ी को मनाने के लिए तैयारियां कर ली हैैं।

इसलिए मनाई जाती है लोहड़ी
हरविंदर सिंह लार्ड ने बताया कि इस फेस्टिवल को फसल पकने और अच्छी खेती होने के रूप में मनाया जाता है। इस दिन आम तौर पर रात में किसी खुले स्थान में फैमिली और आस-पड़ोस के लोग मिलकर लकड़ी के ढेर को सजाकर जलाते हैैं। इसके बाद आग में रेवड़ी, मूंगफली, लावा, पॉपकार्न और तिल के लड्डू आदि डालकर शगुन किया जाता है। आग के बाहर गिरी हुई चीजों को प्रसाद स्वरुप ग्रहण किया जाता है।

यह फैमिली करती हैैं बड़ा आयोजन
सिटी में लगभग 50 हजार फैमिली रहती है.गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह लार्ड का कहना है कि गुमटी, शास्त्री नगर, पांडु नगर, गोविंद नगर और लाल बंगले समेत कई इलाकों में जमकर जश्न मनाया जाएगा। इस त्योहार को सिखों के साथ साथ कुछ हिंदू फैमिलीज भी सेलीब्रेट करती हैैं। इतना ही नहीं शहर में अलग अलग धर्मों को मानने वाले लोग लोहड़ी के आयोजनों में जाकर शामिल होते हैैं और जश्न मनाते हैैं।
ज्यादा उत्साह
आमतौर पर तो लोहड़ी को सभी सिख फैमिलीज में मनाया जाता है लेकिन जिन परिवारों में शादी के बाद या बेबी होने के बाद पहली लोहड़ी होती है, वहां पर जश्न का अंदाज कुछ अलग ही होता है। माना जा रहा है कि इस तरह का आयोजन सिटी में 100 से ज्यादा जगहों पर होगा।

Posted By: Inextlive