‘टिनटिन’ के लिए अमरीका से पहले भारत
'द ऐडवेंचर्स ऑफ टिनटिन: द सीक्रेट ऑफ द यूनीकॉर्न' की एक्ज़ीक्यूटिव प्रडयूसर कैथलीन कैनेडी कहती हैं, ''फ़िल्म के निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने ये फै़सला जान भुझ कर लिया।
जब हमने भारत में टिनटिन को लेकर एक रिसर्च की तो पाया कि टिनटिन भारत में बहुत लोकप्रिय है। ये रिसर्च हमारे लिए बहुत चौकाने वाली थी। हमें इस बात का बिलकुल अंदाज़ा नहीं था कि टिनटिन को भारत में लोग इतना पसंद करते हैं। हमने फ़िल्म के डिस्ट्रीब्यूटरों को बताया कि भारत टिनटिन के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है.''
भारत में टिनटिन की लोकप्रियता का एक मुख़्य कारण टिनटिन कॉमिक्स भी हैं। टिनटिन कॉमिक्स का हिंदी में अनुवाद करने वाले पुनीत गुप्ता कहते हैं, ''टिनटिन भारत के लिए नए नहीं हैं। तीस साल पहले से आनंद बाज़ार पत्रिका के ज़रिये टिनटिन की कहानियां लोगों तक पहुंच रही हैं। यहां टिनटिन को चाहने वालों की कमी नहीं है। शायद इसलिए फ़िल्म के निर्माताओं ने टिनटिन को भारत में पहले रिलीज़ करने का फैसला लिया होगा.''
पुनीत टिनटिन की 16 कॉमिकों का अनुवाद हिंदी में कर चुके हैं। जब बीबीसी ने पुनीत से टिनटिन की लोकप्रियता का राज़ पूछा तो वो बोले, ''टिनटिन का किरदार ऐसा है जो की धर्म, राष्ट्र और भाषा इन सब से परे है।टिनटिन अगर एक 7 साल के बच्चे को लुभाता है तो वो एक 70 वर्ष के बुज़ुर्ग को भी प्रिय है और इसी वजह से टिनटिन की कॉमिक पुरे विश्व में सबसे प्रसिद्ध कॉमिक है। सबसे ज़्यादा भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है और कई करोड़ कापियां बिक चुकी है। एक अंदाज़े के हिसाब से हर 2 सेकण्ड में दुनिया के किसी न किसी कोने में एक टिनटिन कॉमिक बिकती है.’’