लखनऊ में हुए हादसे के बाद नींद से जागे फायर सर्विस के अधिकारी दो दिन से होटल और प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हंै. सवाल ये उठता है कि आखिर इस तरह के हादसे होने के बाद ही फायर सर्विस के ऑफिसर्स को मानक विहीन कॉमर्शियल बिल्डिंग्स की याद क्यों आती है? पूरे साल आखिर कार्रवाई क्यों नहीं होती है. फायर ब्रिगेड के रिकार्ड में जिले में 3690 कॉमर्शियल बिल्डिंग्स हैैं. जिनमें 870 बिल्डिंग मालिकों को फायर विभाग से एनओसी जारी की गई है. वहीं 2820 बिल्डिंग्स मालिकों को फायर विभाग के रेड सिग्नल के बाद भी कोई चिंता नहीं हैैं.

कानपुर (ब्यूरो) शहर में 3690 कॉमर्शियल बिल्डिंग्स हैैं। जिनमें होटल, हाईराइज बिल्डिंग्स, मॉल्स, स्कूल और बड़े प्रतिष्ठान हैैं। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में ऐसे होटल और कारखाने तंग गलियों में हैैं। जहां फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, लेकिन उसके बाद भी बिना किसी रोक टोक के ये होटल चल रहे हैैं। हालात ये है कि कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स फायर विभाग के 'रहमोकरमÓ पर चल रहे हैैं। जब कभी प्रदेश में कहीं भी बड़ी आग की घटना होने पर फायर सर्विस के अधिकारियों की नींद टूटती है और वे छापेमारी कर जांच शुरू कर देते हैैं।

नोटिस के बाद क्या?
लखनऊ में हुई घटना के बाद फायर विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। फायर महानिदेशक के आदेश के बाद लगातार कार्रवाई चल रही है। दो दिन से फायर विभाग अभियान चला रहा है। गलियों में बने होटल और ऐसे प्रतिष्ठानों की चेकिंग की जा रही है, जिसमें कई लोग काम करते हैैं। मंगलवार देर रात तक अलग-अलग फायर स्टेशन के अधिकारियों ने छापेमारी कर चेकिंग की। ज्यादातर संस्थानों के पास एनओसी नहीं मिली है। फायर विभाग ने घनी आबादी वाली गलियों में बने 40 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया है।

तीन महीने में आग की बड़ी घटनाएं
29 जून 2022 : देवकी नगर में फोम के गोदाम में लगी आग।
16 जून 2022 : घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र में पार्क में लगी भीषण आग।
14 जून 2022 : जाजमऊ के शीतला बाजार में प्लाईवुड गोदाम में लगी आग।
03 अप्रैल 2022 : काकादेव के रेव मोती में लगी भीषण आग।
13 अगस्त 2022 : जाजमऊ में जूते की फैक्ट्री में लगी भीषण आग।
29 जनवरी 2022 : मिठाई की दुकान में लगी आग में दो की मौत।
18 अगस्त 2022 : मकान की पहली मंजिल में शार्ट सर्किट से लगी आग।

ये मानक तय हैैं
- होटल के चारों ओर खुला स्थान होना (सेटबैक) जरूरी है
- कम से कम दो चौड़ी और ढलानयुक्त सीढिय़ां भी होनी चाहिए
- फायर स्केप, होटल में इमरजेंसी बाहरी सीढ़ी भी आवश्यक है
- आग लगने पर बजने वाला अलार्म होना जरूरी
- होजरील भी होना चाहिये जो आग बुझाने में सहायक होता है।
- परिसर या उसके आसपास फायर हाइड्रेंट जरूरी।
- होटलों के कमरों में वेंटीलेशन के लिये खिड़की का इंतजाम।
- दिन और रात के समय होटल में सुरक्षा गार्डो की उपस्थिति।
- फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचने का सुगम मार्ग।

डीजी फायर विभाग ने पूरे प्रदेश में चेकिंग के आदेश दे दिए हैैं। जिसके बाद कानपुर में भी चेकिंग की जा रही है। देर रात तक कार्रवाई की गई है। अभी चेकिंग अभियान चलता रहेगा।
एमपी सिंह, सीएफओ कानपुर

Posted By: Inextlive