पनऊपुरवा गांव में पुलिस के सामने दलित आनंद कुरील के मर्डर की जांच प्रदेश के एससी-एसटी आयोग ने शुरू कर दी है. ट्यूजडे को आयोग की तीन सदस्यीय टीम गांव पहुंची. करीब ढाई घंटे तक पीडि़त परिवार और आरोपी परिवार के सदस्यों से बातचीत कर तमाम जानकारियां इकट्ठा कीं. इसके बाद टीम ग्राम प्रधान के घर पहुंची. कुछ लोगों ने प्रधान को फर्जी फंसाए जाने की बात भी रखी. जांच पड़लाल के बाद आयोग सदस्यों ने सीओ को निर्देश दिए हैं कि जब तक एक भी आरोपी बाहर है तब तक गांव से फोर्स नहीं हटनी चाहिए.

कानपुर (ब्यूरो) दोपहर पौने बारह बजे आयोग के सदस्य रमेश तूफानी, केके राज और किशन लाल सुदर्शन पनऊपुरवा गांव पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने मृतक आनंद कुमार कुरील के परिजनों से मुलाकात की। आनंद की पत्नी आशा देवी और बहू संदीपा घायल अवस्था में मौजूद थे। आशा देवी ने ग्राम प्रधान मनीष, उसके पिता रामकुमार दीक्षित और दोनों पुलिस कर्मी गोपीचंद और रोशन शेर बहादुर पर गम्भीर आरोप लगाए। आशा देवी ने बताया कि इतनी बड़ी घटना न होती अगर यह लोग उकसाने का काम न करते। यह भी कहा कि घटना वाली रात छोटी बहू अनुराधा बच्चों को लेकर दूसरे कमरे में भाग गई थी और दरवाजा बंद कर लिया था वरना बचना मुश्किल था।

वरना बहुत बुराज अंजाम होगा
आशा देवी ने बताया कि प्रधान मनीष और उसके पिता रामकुमार दीक्षित केस खत्म करने के लिए लगातारकी धमकी दे रहे थे। कहते थे कि अगर एससी एसटी वाला केस वापस नहीं लिया तो अंजाम बहुत बुरा होगा। पुलिस भी आरोपी श्रीकृष्ण त्रिवेदी के परिवार का सहयोग कर रही थी। बहू संदीपा ने बताया कि वारदात के बाद सिर्फ दो लोग गिरफ्तार हुए हैं। जो आरोपी बच गए हैं वह अभी भी समझौता करने के लिए धमकी दिलवा रहे हैं।

Posted By: Inextlive