बिधनू के परसौली गांव में अजीतगंज के प्लंबर बीरू मौर्या उर्फ बजरंगी की हत्या उसके पुराने दोस्त और माफिया राज कुमार अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग ने कराई थी. हत्या के पीछे अजीतगंज के प्लाट का विवाद और 10 लाख रुपये का लेनदेन होना सामने आया है. पहले तो आरोपी एक दूसरे से परिचित होने से इन्कार करते रहे. बाद में दोनों के नंबर एक दूसरे के मोबाइल में मिले. जिसके बाद पुलिस ने माफिया और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. वहीं पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने राजफाश करने वाली टीम को 15 हजार का इनाम दिए जाने की घोषणा की है.

कानपुर(ब्यूरो)। बिधनू के परसौली गांव में अजीतगंज के प्लंबर बीरू मौर्या उर्फ बजरंगी की हत्या उसके पुराने दोस्त और माफिया राज कुमार अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग ने कराई थी। हत्या के पीछे अजीतगंज के प्लाट का विवाद और 10 लाख रुपये का लेनदेन होना सामने आया है। पहले तो आरोपी एक दूसरे से परिचित होने से इन्कार करते रहे। बाद में दोनों के नंबर एक दूसरे के मोबाइल में मिले। जिसके बाद पुलिस ने माफिया और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वहीं पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड ने राजफाश करने वाली टीम को 15 हजार का इनाम दिए जाने की घोषणा की है।

दो दिन बाद हुई थी मौत
अजीतगंज निवासी प्लंबर बीरू मौर्या उर्फ बजरंगी की हत्या 29 दिसंबर को बिधनू के परसौली गांव में की गई थी। लाठी-डंडों से पीटकर मरणासन्न करने के बाद सिर पर धारदार हथियार से हमला किया था। कोमा में जाने से दो दिन बाद ही बजरंगी की मौत हो गई थी। पहले पुलिस ने मारपीट और गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में उसे हत्या और साक्ष्य मिटाने की धाराएं भी बढ़ाई थीं।

सीडीआर से सुराग
घटना के पीछे गोविंद नग निवासी माफिया राजकुमार अग्रवाल उर्फ राजू गर्ग का हाथ होने की जानकारी के बाद पुलिस सक्रिय हुई थी। पुलिस ने बजरंगी के मोबाइल की दूसरे नंबर की सीडीआर निकलवाई थी। जिसमें दो संदिग्ध नंबर मिले थे। लोकेशन ट्रेस करने के बाद पुलिस ने भैरौघाट सिविल लाइंस निवासी दीपक कनौजिया और परसौली निवासी योगेश उर्फ पंकज सविता को गिरफ्तार किया था।

आमना सामना कराने पर
राजफाश करते हुए डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि दोनों पुलिस को बरगलाते रहे। शनिवार देर रात पुलिस ने माफिया राजू गर्ग को दबोच लिया। हत्यारोपियों से आमना सामना कराया गया तो दोनों आरोपी माफिया को पहचानने से इन्कार करते रहे। कड़ाई से हुई पूछताछ में माफिया ने बीरू से प्लाट और 10 लाख के लेनदेन का विवाद स्वीकारा। उसके बाद दीपक के मोबाइल में राजू का नंबर मिल गया। कॉल डिटेल खंगाली गई तो लगातार संपर्क में होने की बात भी स्पष्ट हो गई। जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

जेल से हुई थी दोस्ती
राजू गर्ग पर लखनऊ, कानपुर, छपरा बिहार, प्रयागराज, किदवई नगर में 16 मुकदमे हैं। इससे पहले वह वर्ष 2014 में गोविंद नगर में प्रापर्टी डीलर प्रशांत गुप्ता उर्फ गुड्डू की हत्या के मामले में जेल गया था। इस घटना में ही आरोपी माफिया के मुन्ना बजरंगी गिरोह से कनेक्शन सामने आये थे। जेल में रहने के दौरान उसकी मुलाकात दीपक से हुई थी। दीपक पर भी हत्या, हत्या का प्रयास, गैंगस्टर, विस्फोटक अधिनियम, चोरी आदि के 17 मुकदमे हैं। वह उन्नाव से 15 हजार का इनामी बदमाश है।

होगी गैंगस्टर की कार्रवाई
डीसीपी दक्षिण प्रमोद कुमार ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं गैंगस्टर की कार्रवाई के दौरान अपराध के जरिये अर्जित की गई संपत्तियों को चिह्नित करने के बाद उन्हें कुर्क किया जाएगा।

Posted By: Inextlive