जले तेल में खस्ता-समोसा बनाने वालों पर अब चलेगा ‘चाबुक’
कानपुर (ब्यूरो) रेस्टोरेंट, होटल दुकानों में तेल व रिफाइंड को बार-बार गर्म कर उसमे पकौड़े, समोसे, पूड़ी, कचौरी, जलेबी आदि खानपान की चीजें बना कर बेची जा रही है, जो हमारे सेहत के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है। यहीं वजह है कि अब फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट सभी दुकानदारों की लिस्ट बना रहा है। एक लिस्ट लिस्ट उन दुकानदारों की होगी, जो तेल को बॉयोडीजल बनाने के लिए बेच रहे हैं और दूसरे वो होंगे, जो किसी को बेचने के बजाए उसी तेल का बार-बार यूज कर रहे हैं।
तमाम तरह की बीमारियां
ज्यादातर रेस्टोरेंट, होटल और दुकानों मे ज्यादा मुनाफे के चक्कर में एक ही तेल को बार-बार गर्म किया जाता है। बार-बार तेल के गर्म होने से तेल की गुणवत्ता खत्म हो जाती है। साथ ही कई दुकानदार ऐेसे भी होते हैं, जिन्हे में तेल में गुणवत्ता खत्म होने की जानकारी नहीं रहती है। ऐसे तेल में बने खाद्य पदार्थ से तमाम तरह की बीमारियां बढ़ रही है। इससे लोगों को बचाने के लिए फूड विभाग ने कदम उठाया है।
यूज्ड तेल से बॉयोडीजल
फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स मुताबिक, दुकानदार तीन बार से ज्यादा खौलाएं गए तेल को बॉयोडीजल बनाने के लिए बेच भी सकते हैं, जिससे उनकी इनकम बढ़ेगी। इसके लिए ऑयल ब्रदर्स नाम का एक एप बना है। इसमें शहर में यूज्ड तेल लेने वाली कंपनी के नाम दिए गए हैं। इसमें खाद्य कारोबारी तेल देने के लिए कंपनी को आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद कंपनी कारोबारियों के पास अपना कैन रख जाएगी। भर जाने पर उसे ले जाएगी। इसके लिए कारोबारियों को 25 से 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से रुपए मिलेंगे। अभी शहर में ट्रिपल एस संस्था नाम की कंपनी यह काम कर रही है। आने वाले दिनों और भी कंपनियां इस तरह का काम करेंगी।
जले तेल से होने वाली बीमारियां
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के मुताबिक, एक बार खाद्य तेल के यूज के बाद दोबारा खाद्य तेल प्रयोग करने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा रहता है। तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें धीरे-धीरे फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं। इस वजह से तेल में एंटी आक्सीडेंट की मात्रा खत्म होने लगती है। इसमें खतरनाक विषाणु पनपने लगते हैं। जो खाने के साथ चिपक कर हमारी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे बॉडी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी तेजी से बढ़ती है। इसके अलावा यह आपको पेट व दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों का शिकार भी बना सकता है। इसके कारण अल्जाइमर, एसिडिटी और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
- फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट से संपर्क करना होगा
- बॉयोडीजल बनाने वाली संस्था से सीधे जुड़ सकते हैैं
- विभाग भी ऑयल ब्रदर्स एप के जरिए दुकानदारों को जोड़ रही है
- अनुबंध के बाद कंपनी दुकानदारों के यहां तेल खरीदने का डिब्बा रखेंगी आप भी पहचाने खराब तेल
- यह जरूरत से ज्यादा गाढ़ा हो जाता है
- बार-बार तेल गर्म करने से फैट पार्टिकल्स टूट जाते हैं
- इससे निकलने वाला धुआं आंखों में जलन करता है
- बार-बार तेल गर्म करने पर टीपीसी बढ़ता है
- तेल का रंग काला और नीला पडऩे लगता है फैक्ट फाइल
- 02 कैटेगरी में बनाई जा रही है लिस्ट
- 25 से 40 रुपए प्रतिलीटर बेच सकते हैं जला तेल
-1620 लीटर यूज्ड तेल महीने में निकल रहा
- 9 हजार लीटर प्रति महीने तक करने का टारगेट
&& खानपान के चीजों की फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट को रुटीन चेकिंग करने के लिए कहा गया है। सभी होटल, रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानों के हाइजीन रेङ्क्षटग सर्टिफिकेट के लिए विशेष अभियान चलाए जाने का निर्देश दिए गए हैं.&य&य
विशाख जी, डीएम